गांधीनगर,31 जुलाई . Prime Minister Narendra Modi के ‘स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत’ से प्रेरित होकर Gujarat में स्वास्थ्य सेवाएं आगे बढ़ रही हैं. Ahmedabad स्थित Gujarat कैंसर एवं अनुसंधान संस्थान (जीसीआरआई) इस मिशन में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है. इसने पिछले पांच साल में हजारों फेफड़ों के कैंसर के मरीजों को उन्नत उपचार प्रदान किया है. इसमें पीएमजेएवाई-एमए योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
Gujarat एक स्वस्थ समाज के लिए केंद्रित पहलों और निरंतर नवाचार के माध्यम से मार्ग प्रशस्त कर रहा है, जिससे पूरे देश को लाभ हो रहा है.
Gujarat को चिकित्सा उत्कृष्टता के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए Chief Minister भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में प्रदेश Government ने पूरे India के मरीजों का विश्वास अर्जित किया है. यह बढ़ता विश्वास पिछले पांच वर्षों में Gujarat में फेफड़ों के कैंसर के इलाज के लिए आने वाले लोगों की बढ़ती संख्या से परिलक्षित होता है. जीसीआरआई ने 2020 से 2024 तक कुल 4,397 फेफड़ों के कैंसर रोगियों का इलाज किया.
Prime Minister जन आरोग्य योजना-मां अमृतम (पीएमजेएवाई-एमए) योजना ने Gujarat में फेफड़ों के कैंसर के इलाज को आसानी से उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पिछले पांच साल में इस पहल के माध्यम से हजारों मरीजों को उन्नत देखभाल प्राप्त हुई है, जिससे आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों को काफी राहत मिली है. वित्तीय बोझ कम करके और समय पर इलाज सुनिश्चित करके, इस योजना ने कई लोगों की जान बचाने में मदद की है. उल्लेखनीय रूप से, राज्य की आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से आकर्षित होकर, अन्य राज्यों के 1,426 फेफड़े के कैंसर के मरीज़ों ने भी Gujarat में इलाज की इच्छा जताई है. यह बढ़ता विश्वास न केवल Gujarat के लोगों के लिए, बल्कि पूरे India के मरीज़ों के लिए, कैंसर देखभाल के एक विश्वसनीय केंद्र के रूप में Gujarat के उभरने को दर्शाता है.
जीसीआरआई ने विश्व फेफड़े के कैंसर दिवस के अवसर पर नागरिकों से फेफड़े के कैंसर की रोकथाम, शीघ्र पहचान और समय पर इलाज के लिए सक्रिय कदम उठाने का आग्रह किया. संस्थान ने बताया कि India में 40 प्रतिशत से ज्यादा फेफड़े के कैंसर के मामलों का इलाज सीमित जागरूकता के अभाव के कारण देरी से शुरू होता है, जिससे इलाज ज्यादा जटिल हो जाता है और परिणाम की अनुकूलता कम होती है.
जीसीआरआई ने विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे लंबे समय से धूम्रपान करने वालों और पर्यावरण प्रदूषकों के संपर्क में रहने वालों से शीघ्र जांच के लिए सीटी स्कैन कराने की अपील की है. विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर निदान और त्वरित चिकित्सा हस्तक्षेप से ऐसे मरीजों की जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होता है.
जीसीआरआई के निदेशक डॉ. शशांक पंड्या ने कहा कि फेफड़ों के कैंसर के खिलाफ जागरूकता ही हमारा सबसे बड़ा बचाव है. शीघ्र जांच, तंबाकू छोड़ना और चेतावनी के संकेतों को पहचानना लोगों की जान बचा सकता है. जीसीआरआई में हम प्रत्येक रोगी के लिए अत्याधुनिक निदान और समग्र देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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एएसएच/जीकेटी