आशा-ममता वर्कर्स के मानदेय पर सियासत: तेजस्वी ने नीतीश सरकार को बताया ‘नकलची और दृष्टिहीन’

Patna, 30 जुलाई . बिहार में ‘आशा और ममता वर्कर्स’ का मानदेय बढ़ाने पर राजनीति शुरू हो चुकी है. Chief Minister नीतीश कुमार की इन वर्कर्स के लिए मानदेय बढ़ाने की घोषणा के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने Government को आड़े हाथों लिया है और इसका श्रेय खुद की पूर्ववर्ती पहल को दिया है.

तेजस्वी यादव ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार की Government को “नकलची, थकी-हारी और दृष्टिहीन” बताया. उन्होंने दावा किया कि जब वह 17 महीने तक उपChief Minister और स्वास्थ्य मंत्री रहे, उस दौरान आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में थी, लेकिन Government ने तब निर्णय नहीं लिया.

उन्होंने लिखा, “मैंने 17 महीने स्वास्थ्य मंत्री रहते ‘आशा और ममता वर्कर्स’ की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की थी जो अंतिम स्टेज में थी, लेकिन तब Government और Chief Minister आदतन पलटी मार गए. ये निकम्मी एनडीए Government उस पर भी दो साल से कुंडली मार कर बैठी रही. अब आखिरकार इन्हें आशा एवं ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की हमारी इस मांग के सामने भी झुकना ही पड़ा.”

राजद नेता ने यह भी आरोप लगाया कि Government ने यह मांग पूर्णरूपेण लागू नहीं की है. उन्होंने कहा कि वर्कर्स को प्रोत्साहन राशि नहीं, बल्कि मानदेय मिलना चाहिए और हम इन्हें मानदेय देंगे. उन्होंने आगे कहा कि यह Government अब आंगनवाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं और रसोइयों के मानदेय में बढ़ोतरी की मांग को भी मजबूरन स्वीकार करने के लिए बाध्य होगी.

तेजस्वी ने अपने 17 महीने के कार्यकाल का हवाला देते हुए बताया कि उस दौरान विकास मित्र, शिक्षा मित्र, टोला सेवक, तालीमी मरकज और पंचायती राज प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया गया था. तेजस्वी ने कटाक्ष करते हुए लिखा, “हमारी मांगों, घोषणाओं, वादों, इरादों और दावों को देखकर इस नकलची, थकी-हारी, दृष्टिहीन और विजन रहित Government का डर देखकर अच्छा लगता है. ये डर अच्छा है, लेकिन 20 साल तक क्या ये मूंगफली छील रहे थे?”

उन्होंने सवाल पूछा और कहा, “यही Government, इनके नेता-मंत्री और अधिकारी जो हमारी घोषणा का मखौल उड़ाते थे, वो अब सत्ता जाते देख दौड़ रहे हैं. सब कुछ तेजस्वी की ही नकल करोगे या अपनी भी अक्ल लगाओगे?”

डीसीएच/