‘टाइगर… सेना को पूरी आजादी देनी होती है, राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी’, लोकसभा में बोले राहुल गांधी

New Delhi, 29 जुलाई . Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चल रही चर्चा के दौरान पहलगाम हमले को क्रूर और निंदनीय बताया. साथ ही उन्होंने Government पर निशाना साधा और दावा किया कि Government ने महज 30 मिनट में ही सरेंडर कर दिया था.

Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान कहा, “पहलगाम में एक क्रूर और निर्दयी हमला हुआ, जो स्पष्ट रूप से Pakistanी Government द्वारा आयोजित और सुनियोजित था. युवा और बुजुर्ग लोगों को बेरहमी से मार दिया गया. इस सदन में मौजूद हर व्यक्ति ने एकजुट होकर Pakistan की निंदा की.”

राहुल गांधी ने कहा, “जिस क्षण ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, बल्कि शुरू होने से पहले ही विपक्ष और सभी दलों ने यह प्रतिबद्धता जताई कि हम सेना और India की चुनी हुई Government के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे. हमने उनके कुछ नेताओं की ओर से कुछ व्यंग्यात्मक टिप्पणियां सुनीं, लेकिन हमने कुछ नहीं कहा. यह एक ऐसी बात थी जिस पर इंडिया गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेतृत्व सहमत थे. हमें बहुत गर्व है कि एक विपक्ष के रूप में हम एकजुट रहें, जैसा कि हमें होना चाहिए था.”

उन्होंने कहा, “पहलगाम हमले के बाद हम नरवाल साहब के घर गए, जिनका बेटा नेवी में था. उत्तर प्रदेश और कश्मीर में भी हमने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. हम नियमित रूप से लोगों से मिलते हैं, और जब आप किसी से हाथ मिलाते हैं, तो समझ आ जाता है कि वह टाइगर है. टाइगर को आजादी देनी पड़ती है. सेना को पूरी आजादी देनी होती है और इसके लिए Political इच्छाशक्ति जरूरी है.”

राहुल गांधी ने सैम मानेकशॉ का जिक्र करते हुए कहा, “1971 में मानेकशॉ ने इंदिरा गांधी से ऑपरेशन के लिए छह महीने का समय मांगा था, क्योंकि वह गर्मियों में ऑपरेशन करना चाहते थे. इंदिरा गांधी ने उन्हें पूरी छूट और समय दी. 1971 में तत्कालीन Prime Minister ने अमेरिका की परवाह किए बिना मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई, जिसके परिणामस्वरूप एक लाख Pakistanी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया. इसके बाद एक नया देश बना.”

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री के बयान का हवाला देते हुए कहा, “Government ने Pakistan को सुबह 1:35 बजे सूचित किया कि हमने उनके आतंकी ठिकानों पर हमला किया है और दावा किया कि यह कदम तनाव बढ़ाने वाला नहीं था, लेकिन आपने 30 मिनट में ही Pakistan के सामने सरेंडर कर दिया, जिससे यह संदेश गया कि Government में युद्ध लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है. Government ने हमारे पायलटों की स्वतंत्रता को बंधन में जकड़ दिया, जिससे उनकी क्षमता पर अंकुश लगा.”

एफएम/एबीएम