ब्रिटेन को भारत का चमड़ा और जूता निर्यात तीन साल में हो सकता है दोगुना : पीयूष गोयल

New Delhi, 29 जुलाई . द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, ब्रिटेन को India का चमड़ा और जूते का निर्यात 2024 के 49.4 करोड़ डॉलर से लगभग दोगुना होकर तीन साल में 1 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है, यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की ओर से दी गई.

Union Minister ने राष्ट्रीय राजधानी में निर्यातकों के साथ एक बैठक में कहा कि यह समझौता सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सरल बनाता है, तकनीकी मानकों को संरेखित करता है और कोल्हापुरी जूते और मोजरी जैसे भारतीय जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, जिससे भारतीय उत्पादों को ब्रिटेन के 8.7 अरब डॉलर के चमड़ा और जूते के बाजार में बेहतर विजिबिलिटी प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने आगे कहा कि देश भर के प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों को इस समझौते से लाभ मिलेगा, क्योंकि मांग में अनुमानित वृद्धि से खासकर एमएसएमई, कारीगरों, महिला उद्यमियों और युवा-नेतृत्व वाले उद्यमों में हजारों नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है.

भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) भारतीय उत्पादों पर यूके के आयात शुल्क को समाप्त कर देता है, जो चमड़े के सामान के लिए 2 प्रतिशत से 8 प्रतिशत, चमड़े के जूतों के लिए 4.5 प्रतिशत और गैर-चमड़े के जूतों के लिए 11.9 प्रतिशत के बीच था.

यह भारतीय निर्यातकों के लिए बांग्लादेश, कंबोडिया और वियतनाम जैसे प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले समान अवसर प्रदान करता है, जिन्हें यूके के बाजार में बेहतर पहुंच प्राप्त है.

इसके अतिरिक्त, Union Minister ने बताया कि 1,700 करोड़ रुपए के परिव्यय वाला भारतीय फुटवियर और चमड़ा विकास कार्यक्रम (आईएफएलडीपी) और फुटवियर एवं चमड़ा क्षेत्र के लिए प्रस्तावित केंद्रित उत्पाद योजना जैसी Governmentी पहल क्षमता विस्तार, टेक्नोलॉजी अपग्रेड, मेगा क्लस्टर और डिजाइन स्टूडियो के निर्माण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड प्रचार में सहायक हैं.

यह कार्यक्रम वाणिज्य विभाग ने भारत-यूके व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) द्वारा सृजित अवसरों पर चर्चा करने के लिए कपड़ा, चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र के पक्षकारों के साथ संवाद के लिए आयोजित किया गया था.

इस समझौते से India के वस्त्र उद्योग को भी फायदा मिलेगा और तिरुपुर, jaipur, सूरत, लुधियाना, पानीपत, भदोही और मुरादाबाद जैसे सभी प्रमुख कपड़ा क्लस्टर को फायदा होगा.

एबीएस/