ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नहीं हुई थी पीएम मोदी और ट्रंप के बीच कोई बातचीत : जयशंकर

New Delhi, 28 जुलाई . विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने Monday को Lok Sabha में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान स्पष्ट किया कि India आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है, खासकर जब यह Pakistan से शुरू होता है.

उन्होंने यह भी साफ किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान Prime Minister Narendra Modi और अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर कोई बातचीत नहीं हुई.

जयशंकर ने कहा, “22 अप्रैल से 17 जून के बीच Prime Minister Narendra Modi और अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई.”

उन्होंने उन अटकलों पर भी विराम लगा दिया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अंतरराष्ट्रीय दबाव की कोई भूमिका थी.

India ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था. बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे.

इस ऑपरेशन से India और Pakistan के बीच चार दिन का सैन्य संघर्ष हुआ, जिसमें Pakistan ने ड्रोन और मिसाइल हमलों की नाकाम कोशिश की. हालांकि, Pakistan के डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ से संपर्क कर युद्धविराम की बात की, जिससे स्थिति शांत हुई.

जयशंकर ने बताया कि India ने वैश्विक स्तर पर Pakistan के आतंकवाद समर्थन की भूमिका को बार-बार उजागर किया है.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने India के संकल्प को रेखांकित करते हुए कहा, “हमने विश्व नेताओं को आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति बताई. हमें बचाव का अधिकार है.”

उन्होंने बताया कि Pakistan को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की India की मुहिम सफल रही है.

जयशंकर ने Lok Sabha में कहा, “New Delhi ने न केवल इस्लामाबाद के परेशान करने वाले इतिहास को उजागर किया, बल्कि उसका असली चेहरा दुनिया के सामने लाने में भी सफल रही.”

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ Pakistan प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ India की प्रतिक्रिया का अंत नहीं है.

उन्होंने कहा, “Pakistan से आने वाले आतंकवाद का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साथ खत्म नहीं होगा. हम अपने नागरिकों और हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे.”

उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति Government की प्रतिबद्धता को दोहराया.

उन्होंने यह भी पुष्टि की है कि Pakistanी नागरिकों पर वीजा प्रतिबंध India की व्यापक आतंकवाद-रोधी रणनीति के हिस्से के रूप में जारी रहेंगे. जयशंकर ने कहा, “ये उपाय आतंकवाद के खतरे से निपटने की हमारी व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं.”

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