New Delhi, 28 जुलाई . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने Monday को Lok Sabha में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बयान दिया. राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य और साहस की सराहना की. उन्होंने कहा कि 6-7 मई 2025 की रात हमारी सेना ने एक ऐतिहासिक ऑपरेशन को अंजाम दिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को अमानवीयता की चरम सीमा बताते हुए कहा कि हमलावरों ने लोगों की पहचान उनके धर्म के आधार पर की और उन्हें निशाना बनाया.
रक्षा मंत्री ने बताया कि हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की और निर्णायक कार्रवाई की पूरी छूट दी. इसके बाद हमारी सेना ने आतंकियों को उनके ठिकानों में घुसकर मार गिराया.
उन्होंने कहा, “सेना ने हमारे देश की माताओं और बहनों के सिंदूर का बदला लिया है. यह सिंदूर अब सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि शौर्य की गाथा बन चुका है.”
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन की जानकारी देते हुए कहा, “मैं बेहद सावधानी से कह रहा हूं, इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी और उनके हैंडलर मारे गए हैं. वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक हो सकता है, लेकिन हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी संख्या गलत न बताई जाए.”
राजनाथ सिंह ने Lok Sabha में कहा कि पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले के बाद भारतीय सेना की तरफ से दिए गए जवाब पर उन्होंने तुलनात्मक रूप में रामायण की चौपाई का जिक्र करते हुए कहा, “जिन मोहि मारा, तिन मोहि मारे…” यानी हमने केवल जवाबी कार्रवाई की. हालांकि, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर हमला किया, लेकिन भारत ने इन सभी हमलों को विफल कर दिया.
उन्होंने बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई पूरी तरह संतुलित और आत्मरक्षा के तहत की गई. पाकिस्तान की ओर से 7 मई से लेकर 10 मई की रात तक मिसाइल और लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया गया. उनके निशाने पर हमारे सैन्य अड्डे थे, लेकिन हमारी रक्षा प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ने हर हमले को नाकाम कर दिया. पाकिस्तान एक भी लक्ष्य को हिट करने में सफल नहीं हो पाया.
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना ने दुश्मन के हर मंसूबे को नाकाम कर दिया. पाकिस्तान की आक्रामकता के जवाब में भारत की कार्रवाई न सिर्फ साहसिक बल्कि निर्णायक भी थी. हमारे सैनिकों ने इस मिशन को पूरी सफलता के साथ अंजाम दिया और राष्ट्र की सुरक्षा को सुनिश्चित किया.
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डीएससी/जीकेटी