New Delhi, 27 जुलाई . Prime Minister Narendra Modi ने Sunday को तमिलनाडु के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में ‘आदि तिरुवथिराई उत्सव’ में हिस्सा लिया. इसमें सभी अधीनम, जीयर स्वामीजी, आध्यात्मिक गुरु और संत उपस्थित रहे.
चेन्नई के गंगईकोंडा चोलपुरम में आदि तिरुवथिरई महोत्सव में Prime Minister मोदी के हिस्सा लेने पर आकाशवाणी के सहायक निदेशक दर्शन ने कहा, “Prime Minister और India के प्रिय नेता Narendra Modi मुख्य अतिथि के रूप में इस महोत्सव में आए और इसकी शोभा बढ़ाई. यह कार्यक्रम राजेंद्र चोल की दक्षिण पूर्व एशियाई देशों पर ऐतिहासिक विजय की हजारवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था. इस अवसर पर एक स्मारक सिक्का जारी किया गया और गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर के निर्माण को याद किया गया.”
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी लोगों के प्रति हम आभार व्यक्त करते हैं. पीएम मोदी का यहां कार्यक्रम काफी अच्छा रहा.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि चोल राजाओं ने अपने राजनयिक और व्यापारिक संबंधों का विस्तार श्रीलंका, मालदीव और दक्षिण-पूर्व एशिया तक किया था. ये भी एक संयोग है कि मैं Saturday को ही मालदीव से लौटा हूं और अभी तमिलनाडु में इस कार्यक्रम का हिस्सा बना हूं.
उन्होंने कहा कि चोल साम्राज्य का इतिहास और उसकी विरासत India के वास्तविक सामर्थ्य का प्रतीक है. यह उस India के सपने की प्रेरणा है, जिसे लेकर आज हम विकसित India के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं. चोल राजाओं ने India को सांस्कृतिक एकता में पिरोया था. आज हमारी Government चोल युग के उन्हीं विचारों को आगे बढ़ा रही है. काशी-तमिल संगमम् और सौराष्ट्र-तमिल संगमम् जैसे आयोजनों के माध्यम से हम एकता के सदियों पुराने सूत्रों को और अधिक मजबूत कर रहे हैं.
गंगईकोंडा चोलपुरम स्थित मंदिर एक ऐतिहासिक और पवित्र स्थान है, जिसका बहुत महत्व है. इसका निर्माण चोल राजा राजेंद्र चोल ने करवाया था और यह एक हजार वर्षों से भी अधिक समय से भव्य रूप से खड़ा है.
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एकेएस/एबीएम