New Delhi, 27 जुलाई . केंद्र की ओर से कहा गया है कि 2,000 रुपए से अधिक के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) आधारित लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगाने की कोई योजना नहीं है.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में कहा कि “GST परिषद ने 2,000 रुपए से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर GST लगाने की कोई सिफारिश नहीं की है.”
क्या Government 2,000 रुपए से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर GST लगाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, सवाल पर राज्य मंत्री ने सदन को बताया कि GST दरें और छूट GST परिषद की सिफारिशों के आधार पर तय की जाती हैं.
यह जवाब कर्नाटक के व्यापारियों को यूपीआई लेनदेन के आंकडों के आधार पर GST मांग नोटिस मिलने के बाद आया है.
केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी पिछले हफ्ते कहा था कि कर्नाटक में छोटे व्यापारियों को जारी किए गए GST नोटिस राज्य Government की ओर से हैं, केंद्र Government की ओर से नहीं.
कर्नाटक के उपChief Minister डी.के. शिवकुमार के इस दावे पर कि कर नोटिस जारी करने में राज्य की कोई भूमिका नहीं है, जोशी ने इस बयान को हास्यास्पद बताया.
Union Minister जोशी ने कहा, “कर्नाटक के वाणिज्यिक कर अधिकारियों ने ही छोटे व्यापारियों को GST बकाया नोटिस जारी किए थे. फिर भी, राज्य Government अब यह दिखावा कर जनता को गुमराह कर रही है कि इसमें उसकी कोई संलिप्तता नहीं है. यह जिम्मेदारी से बचने की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है.”
Union Minister जोशी ने सवाल किया, “अगर GST नोटिस केंद्र Government द्वारा जारी किए गए होते, तो कई अन्य राज्यों के व्यापारियों को भी मिल गए होते. लेकिन ऐसा कहीं और नहीं हुआ. ये नोटिस केवल कर्नाटक में ही क्यों भेजे जा रहे हैं?”
उन्होंने स्पष्ट किया कि GST के केंद्र Government के अधीन सीGST (केंद्रीय GST) और राज्य Governmentों के अधीन एसGST (राज्य GST) दो घटक हैं. कर्नाटक के छोटे व्यापारियों को ये नोटिस राज्य के वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जारी किए गए हैं.
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एसकेटी/