15वें संसद रत्न पुरस्कार समारोह का आयोजन, रवि किशन को मिला ‘संसद रत्न’ सम्मान

New Delhi, 26 जुलाई . Lok Sabha में बेहतर काम करने पर सांसदों को ‘संसद रत्न’ अवॉर्ड मिला है. इन सांसदों ने Lok Sabha में अपना अमूल्य योगदान दिया है. संसद रत्न पुरस्कार पाने वालों में गोरखपुर से BJP MP रवि किशन समेत अन्य शामिल हैं.

रवि किशन ने के साथ खास बातचीत में कहा, “यह पुरस्कार सिनेमा उद्योग को समर्पित है. एक कलाकार के रूप में पहली बार ‘संसद रत्न’ पुरस्कार प्राप्त करना उन लोगों के लिए जवाब है, जो मानते थे कि कलाकार सक्रिय नहीं होते.”

सांसद रवि किशन ने कहा, “यह पुरस्कार फिल्म उद्योग और गोरखपुर के लिए है. यह Prime Minister Narendra Modi और Chief Minister योगी आदित्यनाथ के लिए है. यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए भी है, जिन्होंने मुझे संसद की बारीकियां सिखाईं. मैंने उनसे प्रश्न पूछना और प्राइवेट बिल पेश करना सीखा.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं गोरखपुर की आवाज बना. आज गोरखपुर की आवाज को बुलंद करने के कारण मुझे ‘सांसद रत्न’ पुरस्कार मिला है. मुझे विशेष रूप से निजी विधेयकों और अधिक प्रश्न पूछने के लिए यह सम्मान प्राप्त हुआ है.”

वहीं, उनकी पत्नी प्रीति शुक्ला ने कहा, “मुझे बहुत खुशी है कि उन्हें ‘सांसद रत्न’ पुरस्कार मिला. सबसे बड़ी खुशी इस बात की है कि लोग केवल एक मनोरंजनकर्ता के रूप में देखते थे, लेकिन सांसद के तौर पर रवि किशन ने जो आवाज उठाई और सेवा की, उसका फल उन्हें इस पुरस्कार के रूप में मिला है.”

उन्होंने कहा, “गोरखपुर की जनता की आवाज को संसद में बुलंद करने का परिणाम है कि आज उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है.”

दिल्ली में आयोजित 15वें संसद रत्न पुरस्कार समारोह में शामिल Union Minister किरेन रिजिजू ने कहा, “मुझे यह साझा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि कृषि समिति को सत्रहवीं Lok Sabha के दौरान उनके निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ‘संसद महा रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. ‘संसद रत्न’ पुरस्कार सांसदों के बेहतरीन प्रदर्शन और उनकी स्टैंडिंग कमेटी में योगदान को मान्यता देता है. मैं सभी सांसदों को हार्दिक बधाई देता हूं. वे इस पुरस्कार के सच्चे हकदार हैं.”

Union Minister रिजिजू ने कहा, “हमारा मानना है कि संसद को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी सभी सांसदों की है. संसद को तालमेल के साथ चलाना और देश के प्रति कर्तव्य निभाना उतना ही जरूरी है, जितना इसे समझदारी के साथ संचालित करना.”

वीकेयू/एबीएम