बांग्लादेश में नहीं दिख रहा सुशासन या नियंत्रण: बीएनपी

ढाका, 26 जुलाई . बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने Saturday को मोहम्मद यूनुस की अंतरिम Government की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में सुशासन और नियंत्रण की पूरी तरह कमी है. पार्टी ने आरोप लगाया कि न तो कोई ठोस सुधार हुए हैं और न ही अपराध पर अंकुश लग पाया है, जिसके चलते देशभर में फिरौती और रंगदारी की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है.

बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने यह टिप्पणी एक पुस्तक विमोचन समारोह में की, जिसमें अंतरिम Government के वित्तीय सलाहकार सालेह उद्दीन अहमद भी मौजूद थे. फखरुल ने कहा, “एक व्यवसायी जो पहले 1 लाख टका देता था, अब उसे 5 लाख टका देना पड़ रहा है. कहीं कोई सुशासन या नियंत्रण नहीं है. Police व्यवस्था में भी कोई सुधार नहीं हुआ है.”

उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया की तत्काल बहाली की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “सुधार रातों-रात लागू नहीं हो सकते. इसके लिए समय चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोकतंत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए. देश को जबरन थोपा गया कोई भी मॉडल स्वीकार्य नहीं होगा. इसलिए समय गंवाए बिना, हमें जनप्रतिनिधियों को संसद भेजकर लोकतांत्रिक रास्ते पर लौटना होगा.”

फखरुल ने अंतरराष्ट्रीय नीतियों में बदलाव को लेकर भी चिंता जताई और अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बांग्लादेश पर लगाए गए टैरिफ का उल्लेख करते हुए कहा, “ये टैरिफ भविष्य में हमारे लिए बड़ी परेशानी बन सकते हैं.” उन्होंने जोर दिया कि Political दलों को हमेशा देशहित में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए.

इससे एक दिन पहले, बीएनपी के वरिष्ठ नेता गायेश्वर चंद्र रॉय ने भी चेतावनी दी थी कि यदि चुनावों में और देर हुई तो अंतरिम Government की साख और भी ज्यादा सवालों के घेरे में आ जाएगी. उन्होंने कहा, “अंतरिम Government, जो कि निर्वाचित नहीं है, देश के संकटों की जिम्मेदारी लेने से बच सकती है, लेकिन चुनाव में देरी से Government पर दबाव और सवाल दोनों बढ़ेंगे.”

गायेश्वर ने यह भी आरोप लगाया, “अंतरिम Government की मौजूदगी तक जनता को महसूस नहीं हो रही है.”

बता दें कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली यह अंतरिम Government अगस्त 2024 में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई शेख हसीना Government को हटाने के बाद सत्ता में आई थी. हालांकि, अब यह Government पारदर्शिता और लोकतंत्र बहाली की दिशा में ठोस रोडमैप देने में असफल रही है.

डीएससी/