आगरा धर्मांतरण केस: देहरादून की युवती ने खोले कई राज, बोली- प्रेमजाल में फंसा कराया धर्म परिवर्तन

आगरा, 26 जुलाई . आगरा धर्मांतरण मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस मामले की एक पीड़ित ने पुलिस पूछताछ में धर्मांतरण गिरोह के बारे में अहम जानकारियां दीं. पुलिस ने इस युवती का कोर्ट में भी बयान दर्ज कराया है. देहरादून की रहने वाली युवती को आगरा पुलिस ने रेस्क्यू किया है.

पुलिस पूछताछ में युवती ने बताया कि पहले उसे सोशल मीडिया के माध्यम से एक व्यक्ति, अब्बू तालिब, ने संपर्क किया. तालिब ने भरोसा जीतने के बाद प्रेमजाल में फंसाकर उसे अपनी “फैमिली” से भी मिलवाया. इसके बाद तालिब ने युवती को आयशा नाम की महिला से मिलवाया, जिसने उसे अब्दुल रहमान नाम के व्यक्ति से मिलवाया.

आगरा पुलिस के मुताबिक, अब्बू तालिब उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का निवासी है, जबकि आयशा और अब्दुल रहमान देहरादून के रहने वाले हैं.

युवती ने बताया कि आयशा की तरफ से उसे “सेफ हाउस” में रहने और लग्जरी लाइफस्टाइल का लालच दिया गया. बदले में उसे इन्वेस्टमेंट करने की शर्त बताई गई, जिसका मतलब था कि उसे किसी की दूसरी, तीसरी या चौथी पत्नी बनना होगा.

आरोप है कि आयशा और अब्दुल रहमान ने युवती पर धर्मांतरण का दबाव बनाया. धर्म परिवर्तन के बाद उसे एक नामों की सूची दी गई, जिसमें से उसे “मरियम” नाम चुनने को कहा गया.

कुछ दिन पहले युवती का फोन खराब होने पर उसे अब्बू तालिब ने नया फोन दिलाया, जिसके पैसे आयशा ने दिए. अब्बू तालिब ही उसका मोबाइल रिचार्ज कराता था. गिरोह की सदस्य आयशा ट्रैक होने से बचने के लिए सेकेंड हैंड या कीपैड फोन का इस्तेमाल करती थी.

आरोप है कि पैसों का लालच देकर अब्बू तालिब, अब्दुल रहमान और आयशा ने युवती पर दबाव बनाया और व्हाट्सएप के जरिए कथित तौर पर कलमा पढ़वाया गया. उसका नाम भी बदलकर ‘मरियम’ रखा गया.

युवती ने यह भी बताया कि गिरोह में झारखंड निवासी एक व्यक्ति अयान भी शामिल है. अयान ने देहरादून के लड़के की जानकारी दी, जिसने उसे दिल्ली पहुंचाया. वहां से उसे किसी अन्य तरह ले जाया जा रहा था. इसी दौरान आगरा पुलिस ने पूरे गैंग का पर्दाफाश करते हुए युवती का रेस्क्यू किया. अब तक इस मामले में आगरा पुलिस 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

डीसीएच/