पटना, 26 जुलाई . बिहार के Chief Minister नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए राहत भरी खबर दी. उन्होंने ‘बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना’ के तहत पत्रकारों की पेंशन 6,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए करने की घोषणा की. नीतीश कुमार के इस फैसले को चुनाव से पहले मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा है, वहीं आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बिहार के Chief Minister नीतीश कुमार के फैसले की आलोचना की है. राजद प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव ने पहले पत्रकारों की पेंशन राशि बढ़ाने का वादा किया था और अब नीतीश कुमार की सरकार ने इसकी घोषणा की है.
तिवारी का दावा है कि नीतीश कुमार सिर्फ तेजस्वी यादव की नकल करते हैं, जो भी घोषणाएं उनके ओर से की जाती हैं. नीतीश कुमार उसी को रिपीट करते हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार चुनाव से पहले पत्रकारों को प्रलोभन दे रही है, लेकिन नीतीश कुमार जल्द सत्ता से बाहर होने वाले हैं. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में जब बिहार में सरकार बनेगी तो पत्रकारों को और अधिक लाभ मिलेगा.
उन्होंने कहा कि पत्रकारों को भी पता है सरकार जाने वाली है, तेजस्वी यादव इससे ज्यादा पत्रकारों को पेंशन देंगे. वह पत्रकारों की चिंता करते हैं. नीतीश कुमार ने 20 साल में कुछ नहीं किया है. वह सिर्फ तेजस्वी की नकल करते हैं.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से अपने पुत्र और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तारीफ किए जाने पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी ने अपनी सक्रियता और नेतृत्व से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में लोगों का ध्यान खींचा है. बिहार की 14 करोड़ जनता तेजस्वी को अपने भविष्य के रूप में देख रही है और लालू का यह बयान इसी भावना को प्रतिबिंबित करता है.
कांग्रेस नेता उदित राज की ओर से Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की तुलना डॉ. बीआर अंबेडकर से करने पर, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हमने ठीक से नहीं सुना कि उन्होंने क्या कहा है.
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डीकेएम/डीएससी