कारगिल विजय दिवस पर भावुक हुईं सेलिना जेटली, पिता की वीरता और परिवार के बलिदान को किया याद

Mumbai , 26 जुलाई . कारगिल विजय दिवस के 26 साल होने पर बॉलीवुड अभिनेत्री और पूर्व मिस इंडिया सेलिना जेटली ने एक भावुक वीडियो साझा किया. दिवंगत पिता कर्नल विक्रम कुमार जेटली को याद किया. कारगिल युद्ध के दौरान वे भारतीय सेना में कार्यरत थे. सेलिना ने उस समय के दर्द और जज्बातों को खुलकर साझा किया. ये वीडियो उन्होंने फेसबुक अकाउंट पर साझा किया.

वीडियो में सेलिना ने सैनिकों के परिवारों की पीड़ा का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे युद्ध की त्रासदी सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं रहती, बल्कि हर एक फौजी के घर पर इसका असर पड़ता है. उन्होंने कहा, “अपने बेटों के अंतिम संस्कार में माता-पिता की नम आंखें, अपने पतियों को खो चुकीं युवा पत्नियों का दर्द और बच्चों की सिसकियां. यह सिर्फ खबर नहीं थी, यह एक ऐसा दर्द था जो हवा में गहराई तक समाया हुआ था.”

सेलिना ने बताया कि कारगिल युद्ध के दिनों में उनका परिवार हर एक फोन कॉल से घबरा जाता था.

अभिनेत्री ने कहा, “एक बेटी होने के नाते, मैं अपने पिता की विरासत को हमेशा संभाल कर रखती हूं. मेरे पिता ने हर दिन सैनिक के रूप में जीवन को जिया. मैं उस समय किशोरावस्था में थी. हमारी सांसें थमी हुई थीं. खबर का इंतजार कर रहे थे. हर अनजान नंबर से आने वाली कॉल से डर रहे थे. सेना की वर्दी केवल सैनिक ही नहीं, बल्कि पूरा परिवार पहनता है; महिलाओं से लेकर बच्चों और बुजुर्गों तक सभी एक मूक योद्धा होते हैं.”

उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध ने उनके छोटे भाई पर गहरा असर डाला. उन्होंने कहा, “कारगिल के दौरान मेरा छोटा भाई स्कूल में था, लेकिन जंग ने उस पर गहरा प्रभाव डाला था. इसने उसके जीवन की दिशा तय की और वह भारतीय सेना में शामिल हो गया.”

सेलिना ने अपनी पारिवारिक सैन्य विरासत पर भी गर्व व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “हमारे लिए, कारगिल राष्ट्रीय इतिहास का सिर्फ एक अध्याय नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा क्षण है जो सेवा और बलिदान की पीढ़ियों में गूंजता रहा.”

वीडियो के आखिर में सेलिना ने कहा, ”आज जब पूरा देश कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है, यह देखकर गर्व तो होता है, लेकिन एक गहरा दुख भी है जो कभी पूरी तरह से कम नहीं होता. जब मैं देश को कारगिल को इतने सम्मान और श्रद्धा के साथ याद करते हुए देखती हूं, तो मुझे न केवल एक नागरिक के रूप में, बल्कि एक सैनिक की बेटी और पोती के रूप में भी देखा जाता है. लेकिन मुझे उसकी कीमत भी याद है.”

बता दें कि कारगिल विजय दिवस हर वर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है, जो उस ऐतिहासिक विजय की याद दिलाता है जब भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के कब्जे से चोटियों को सफलतापूर्वक मुक्त कराया था. यह ऑपरेशन भारतीय सशस्त्र बलों ने लद्दाख के कारगिल क्षेत्र में प्रमुख पर्वतीय चौकियों पर कब्जा जमाए पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए शुरू किया था.

पीके/केआर