New Delhi, 26 जुलाई . इंग्लैंड के अनुभवी बल्लेबाज जो रूट ने ओल्ड ट्रैफर्ड में चौथे टेस्ट की पहली पारी में 150 रन बनाए. इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर जोनाथन ट्रॉट के मुताबिक यह करिश्माई खिलाड़ी हर पारी के साथ अपने खेल में निपुणता हासिल कर रहा है.
जो रूट टेस्ट इतिहास में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में दूसरे पायदान पर हैं. जो रूट इस मामले में रिकी पोंटिंग (13,378), जैक्स कैलिस (13,289) और राहुल द्रविड़ (13,288) को पछाड़ चुके हैं. इस फेहरिस्त में सचिन तेंदुलकर (15,921) टॉप पर हैं.
जोनाथन ट्रॉट ने ‘जियोहॉटस्टार’ पर कहा, “जो रूट का तरीका बेहद शानदार है. आप उन्हें अचानक तेजी से गियर बदलते हुए नहीं देखते. हालांकि, जब ‘बैजबॉल’ की शुरुआत हुई थी, तो उन्होंने थोड़ा प्रयोग जरूर किया. रूट ने सीमर्स के खिलाफ रैंप शॉट्स खेले, रिवर्स स्कूप्स भी लगाए, लेकिन अब उन्होंने वह सब छोड़ते हुए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है. शायद उस आक्रामक दौर की कुछ झलक अब भी उनके खेल में हो, लेकिन कुल मिलाकर रूट वैसा ही खेलते हैं, जो उनके लिए सबसे ज्यादा कारगर है.”
उन्होंने कहा, “जब विपक्षी टीम कड़ी टक्कर नहीं देती, तो रूट क्रीज पर डट जाते हैं. वह मानसिक रूप से तय कर लेते हैं कि उन्हें पूरे दिन बल्लेबाजी करनी है. उन्हें आउट करने के लिए आपको बेहतरीन गेंदबाजी करनी पड़ती है. मुकाबले के तीसरे दिन भारत ऐसा नहीं कर पाया. रूट के नाम 150 जुड़ गए, और जैसा कि मैंने पहले कहा, वह हर एक पारी के साथ अपने खेल को निखार रहे हैं.”
इस मुकाबले में रूट ने अपने टेस्ट करियर का 38वां शतक लगाया है. इसी के साथ उन्होंने सर्वाधिक टेस्ट शतकों के मामले में कुमार संगाकारा की बराबरी कर ली. अब सिर्फ रिकी पोंटिंग (41), जैक्स कैलिस (45) और सचिन तेंदुलकर (51) ही उनसे आगे हैं.
वहीं, पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर का मानना है कि भारत ड्रॉ के बारे में नहीं सोचेगा, क्योंकि जीत के अलावा कोई भी परिणाम मेहमान टीम के सीरीज जीतने के मौके को खत्म कर देगा. इंग्लैंड ने तीसरे दिन की समाप्ति तक 186 रन की लीड हासिल कर ली है. फिलहाल बेन स्टोक्स और लियाम डॉसन नाबाद हैं.
संजय मांजरेकर ने कहा, “भारत ड्रॉ के बारे में नहीं सोचेगा. टीम इंडिया उम्मीद करेगी कि धूप निकले, ताकि वह रन बनाकर इंग्लैंड पर दबाव बना सके. पिच पर अब असमान उछाल दिखने लगा है, जिससे कुछ गेंदबाजों के लिए हालात चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. क्रिस वोक्स शायद उतने प्रभावी न रहें, लेकिन बेन स्टोक्स को अभी भी काफी ओवर फेंकने होंगे. जोफ्रा आर्चर का लंबा कद और स्टंप्स को निशाना बनाने की क्षमता खतरनाक साबित हो सकती है, खासकर अगर गेंद नीची रहने लगे. इसके साथ ही लियाम डॉसन पर भी नजर रखें. जरूरी नहीं कि वह ऐसी गेंदें फेंकें, जिन्हें खेलना नामुमकिन हो, लेकिन इंग्लैंड की सेलिंग स्ट्रैटेजी में उनकी भूमिका अहम होगी.”
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आरएसजी