नागालैंड में भारतीय सेना ने ‘एक्सरसाइज ड्रोन प्रहार’ के तहत किया अत्याधुनिक अभ्यास

कोहिमा, 25 जुलाई . भारत के पूर्वोत्तर राज्य में से एक नागालैंड में भारतीय सेना ने ‘एक्सरसाइज ड्रोन प्रहार’ के तहत अत्याधुनिक ड्रोन एकीकरण का प्रदर्शन किया.

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार भारतीय सेना ने यह अभ्यास प्रदेश की राजधानी कोहिमा में किया. यह एक उन्नत सैन्य अभ्यास है जिसे पैदल सेना और सहायक सेनाओं द्वारा सामरिक अभियानों में ड्रोन तकनीक के एकीकरण को प्रमाणित करने के लिए डिजाइन किया गया है.

इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल अभिजीत एस पेंढारकर, एवीएसएम, वाईएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग स्पीयर कोर ने अभ्यास ड्रोन प्रहार का अवलोकन किया.

वास्तविक परिचालन स्थितियों में आयोजित इस अभ्यास में युद्धक्षेत्र की सामरिक और परिचालन परतों में खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर), वास्तविक समय सेंसर-टू-शूटर लिंक और सटीक लक्ष्यीकरण के लिए ड्रोन की प्रभावी तैनाती का प्रदर्शन किया गया.

इस सैन्य अभ्यास का मुख्य उद्देश्य स्तरित निगरानी और गतिशील निर्णय लेने में सहायता के माध्यम से सामरिक कमांडरों की कमान पहुंच और स्थितिजन्य जागरूकता को बढ़ाना है.

इस अभ्यास में युद्धक्षेत्र ड्रोन एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण सक्षमताओं का भी परीक्षण किया गया, जिसमें हवाई क्षेत्र में टकराव से बचाव, सुरक्षित संचार और विभिन्न शाखाओं व सेवाओं में समन्वय प्रोटोकॉल शामिल हैं.

एक प्रौद्योगिकी-सक्षम सेना बनाने के दृष्टिकोण के साथ, भारतीय सेना भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयारी और अनुकूलन क्षमता को बढ़ावा देने वाली विशिष्ट तकनीकों को अपनाने में अग्रणी बनी हुई है.

यह अभ्यास ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रतिनिधित्व करता है जो आधुनिक युद्ध क्षेत्र में नवाचार, चपलता और तकनीकी श्रेष्ठता के प्रति भारतीय सेना के समर्पण को पुष्ट करता है.

मणिपुर, नागालैंड और दक्षिण अरुणाचल के रक्षा पीआरओ के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर अभ्यास की तस्वीर पोस्ट की गई. उन्होंने लिखा, “भारतीय सेना के जनरल ऑफिसर कमांडिंग स्पीयरकॉर्प्स ने ड्रोन प्रहार अभ्यास देखा. यह युद्धक्षेत्र संचालन में ड्रोन तकनीक को एकीकृत करने वाला एक अत्याधुनिक अभ्यास है. वास्तविक परिस्थितियों में आयोजित इस अभ्यास में आईएसआर, सटीक लक्ष्यीकरण और सुरक्षित बहु-भुजा समन्वय का प्रदर्शन किया गया. यह अभ्यास तकनीक-सक्षम बल की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भारतीय सेना के नवाचार, चपलता और भविष्य की तैयारी पर केंद्रित होने की पुष्टि करता है.”

एससीएच/एएस