अटल क्लिनिकों का नाम बदलना हेमंत सरकार की निम्नस्तरीय राजनीति : बाबूलाल मरांडी

रांची, 25 जुलाई . Jharkhand में अटल मोहल्ला क्लिनिकों का नाम बदलकर मदर टेरेसा के नाम पर करने के राज्य Government के फैसले पर नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि यह फैसला पूर्व Prime Minister अटल बिहारी वाजपेयी जैसी महान विभूति के प्रति कृतघ्नता ही नहीं, बल्कि राज्य Government के नैतिक पतन का भी उदाहरण है.

प्रदेश के Chief Minister हेमंत सोरेन से सवाल करते हुए मरांडी ने कहा कि क्या कैबिनेट के इस फैसले से स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई ठोस सुधार होगा? क्या अब एंबुलेंस समय पर पहुंचेगी? क्या मोहल्ला क्लिनिक में इलाज की बेहतर सुविधा मिलेगी? उन्होंने कहा कि नाम बदलने से ज्यादा जरूरी है राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में बुनियादी सुधार करना, जो पूरी तरह चरमराई हुई है. आज भी गर्भवती महिलाओं को एम्बुलेंस नहीं मिलने पर रास्ते में ही प्रसव कराना पड़ता है. वृद्ध महिलाओं को खाट पर अस्पताल ले जाना पड़ता है और शव तक ढोने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं है. इन बुनियादी समस्याओं को दूर करने के बजाय, Government केवल नाम बदलने की राजनीति कर रही है.

मरांडी ने कहा कि यदि Government वास्तव में मदर टेरेसा को सम्मान देना चाहती थी, तो उनके नाम पर कोई नई योजना शुरू कर सकती थी जो मरीजों को सहारा और सेवा दे सके, जो स्वयं मदर टेरेसा के जीवन का उद्देश्य था. लेकिन ऐसा करने के बजाय, हेमंत Government ने यहां भी Political हित साधने का प्रयास किया है.

उन्होंने कहा कि Jharkhand के निर्माण में अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान किसी परिचय का मोहताज नहीं है. 1999 में अटल जी ने Jharkhand की धरती से जनता से वादा किया था कि यदि केंद्र में उनकी Government बनी, तो Jharkhand के लोगों को अलग राज्य का उपहार देंगे, और उन्होंने अपना यह वादा निभाया. Jharkhandवासियों को उनका अधिकार दिलाने और आदिवासी अस्मिता को अलग पहचान देने में अटल जी के अटल इरादों की निर्णायक भूमिका रही.

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि हेमंत Government ने राजनीति के निम्न स्तर तक गिरकर अटल जी के योगदान को दरकिनार कर दिया है. उन्होंने कहा कि Jharkhand और आदिवासी अस्मिता को पहचान दिलाने वाले अटल जी का नाम हटाना राज्य की जनता का अपमान है, जिसे भाजपा और Jharkhandवासी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

एसएनसी/पीएसके