पटना, 25 जुलाई . बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन Friday को सदन में फिर से हंगामा हुआ. विपक्षी दलों (आरजेडी, कांग्रेस और वामपंथी) के विधायकों ने सदन के बेल में आकर नारेबाजी की और प्रश्नकाल के दौरान मेजें गिराने की कोशिश की.
विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने बार-बार शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन नारेबाजी और हंगामा जारी रहा, जिसके कारण उन्हें कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
विपक्षी विधायक, जो राज्य में विशेष मतदाता सूची संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लगातार पांचवें दिन काले कपड़े पहनकर विधानसभा पहुंचे. विपक्ष का यह विरोध मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं पर चर्चा की मांग को लेकर था.
हंगामे के दौरान सदन में मौजूद Chief Minister नीतीश कुमार ने विपक्ष की विरोध पोशाक पर कटाक्ष किया.
सीएम नीतीश ने कहा कि सब एक जैसे कपड़े पहने हुए हैं. एक बात तो साफ हो गई है, पहले एक-दो दिन हंगामा होता था, बाकी दिन काम चलता रहता था. अब तो सब रोज यही काम कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि लोग जानते हैं कि सरकार ने कितना काम किया है और हर जगह लोगों को लाभ मिल रहा है.
पांच दिवसीय मानसून सत्र में विपक्ष ने मतदाता सूची संशोधन को लेकर लगातार हंगामा किया, जिससे विधायी कामकाज प्रभावित हुआ.
विपक्ष का आरोप है कि सरकार और चुनाव आयोग मिलकर विधानसभा चुनाव से पहले गरीबों के नाम मतदाता सूची से हटा रहे हैं. सरकार ने इस आरोप को खारिज किया है.
सत्र शुरू होने से ही विपक्ष दोनों सदन के अंदर और बाहर हंगामा कर रहा है, और मतदाता सूची संशोधन पर बहस की मांग कर रहा है.
यह मामला Supreme court तक पहुंच गया है, जहां विपक्ष ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया है.
चुनाव आयोग ने विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) का बचाव करते हुए कहा है कि यह मतदाता सूची से ‘अयोग्य व्यक्तियों’ को हटाकर चुनाव की शुद्धता बढ़ाता है.
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पीएसके