New Delhi, 25 जुलाई . संसद मार्ग स्थित मस्जिद में पिछले दिनों Samajwadi Party के सांसदों की मीटिंग के विरोध में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने मोर्चा खोल दिया है. मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी पर धार्मिक स्थल के Political इस्तेमाल का गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें इमामत से हटाने की मांग की गई है.
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने Lok Sabha अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भेजते हुए आरोप लगाया कि मौलाना नदवी की मौन स्वीकृति से संसद मार्ग मस्जिद में Samajwadi Party की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, जियाउर्रहमान बर्क सहित अन्य नेता शामिल हुए.
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने आरोप लगाया कि मस्जिद जैसे पवित्र स्थल का इस तरह Political इस्तेमाल न सिर्फ शरीयत के खिलाफ है, बल्कि यह करोड़ों मुस्लिमों की धार्मिक आस्थाओं को भी ठेस पहुंचाता है.
रजवी ने पत्र में लिखा, “मस्जिद में महिलाओं का प्रवेश और ‘नापाक लोगों’ की मौजूदगी शरीयत की स्पष्ट अवहेलना है. मस्जिद इबादतगाह है, न कि कोई Political मंच.”
संसद मार्ग मस्जिद Lok Sabha सचिवालय के अधिकार क्षेत्र में आती है और मौलाना नदवी वर्तमान में एक सांसद भी हैं, ऐसे में रजवी ने मांग की है कि उन्हें तत्काल मस्जिद की इमामत से हटाया जाए और किसी सूफी, धार्मिक तथा गैर-Political व्यक्ति को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए.
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के पत्र के बाद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने अब तक इस पूरे विवाद पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है और न ही Samajwadi Party की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है.
फिलहाल, मस्जिद के Political उपयोग को लेकर यह मामला अब धार्मिक और Political दोनों मोर्चों पर चर्चा का विषय बन गया है.
ज्ञात हो कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हाल ही में दिल्ली के संसद मार्ग में स्थित जामा मस्जिद में पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी. इसकी तस्वीर खूब वायरल हुई. तस्वीर सामने आने के बाद भाजपा ने उन पर हमला बोला था. इस मामले में एक बड़ी बात यह है कि इस मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी हैं, जो उत्तर प्रदेश की रामपुर Lok Sabha सीट से Samajwadi Party के सांसद भी हैं.
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वीकेटी/डीसीएच