New Delhi, 24 जुलाई . इंडियाएआई मिशन में अब तक 14 सूचीबद्ध सर्विस प्रोवाइडर्स से 34,381 जीपीयू प्राप्त हो चुके हैं. इससे देश को वैश्विक स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में लीडर बनने में मदद मिलेगी. यह जानकारी Government की ओर से दी गई.
Union Minister अश्विनी वैष्णव ने Lok Sabha में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि Government इन जीपीयू को रियायती दरों पर उपलब्ध कराती है. इन जीपीयू की औसत दर लगभग 65 रुपए प्रति जीपीयू प्रति घंटा है. एच100 जीपीयू की कीमत 92 रुपए प्रति जीपीयू प्रति घंटा है, इसका उपयोग बड़े स्तर पर फाउंडेशनल मॉडल ट्रेनिंग में किया जाता है. Government द्वारा जीपीयू उपयोग के लिए निर्धारित की गई कीमतें हाइपर-स्केलर क्लाउड प्रोवाइडर्स की तुलना में काफी कम है.
India में एक मजबूत आईटी इकोसिस्टम है. यह 250 अरब डॉलर से अधिक का वार्षिक राजस्व उत्पन्न करता है और 60 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है.
स्टैनफोर्ड एआई रैंकिंग जैसी वैश्विक रैंकिंग, India को एआई कौशल, क्षमताओं और एआई उपयोग नीतियों के मामले में शीर्ष देशों में स्थान देती है. India अपनी वाइब्रेंट डेवलपर कम्युनिटी को प्रदर्शित करते हुए, गिटहबएआई परियोजनाओं में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता भी है.
Government ने मार्च 2024 में इंडिया एआई मिशन शुरू किया था. यह India के विकास लक्ष्यों के अनुरूप एक मजबूत और समावेशी एआई इकोसिस्टम स्थापित करने की एक रणनीतिक पहल है.
Union Minister ने कहा, ‘इंडियाएआई एप्लीकेशन डेवलपमेंट इनिशिएटिव’ का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शासन और सीखने की अक्षमताओं के लिए सहायक तकनीकों जैसे क्षेत्रों में India की विशिष्ट चुनौतियों के लिए आई एप्लीकेशन विकसित करना है. अब तक 30 आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं.
इसके अलावा, अन्य मंत्रालयों और Governmentी संस्थानों के साथ साझेदारी में क्षेत्र-विशिष्ट हैकथॉन का आयोजन किया गया है.
Government ने बताया, ‘एआईकोष’ एक एकीकृत डेटा प्लेटफॉर्म है जो Governmentी और गैर-Governmentी स्रोतों से डेटासेट को एकीकृत करता है. मार्च 2025 में लॉन्च किए गए बीटा संस्करण में वर्तमान में 890 से अधिक डेटासेट, 208 एआई मॉडल और 13 से अधिक विकास टूलकिट शामिल हैं.
Union Minister ने कहा, “ये संसाधन डेवलपर्स के लिए आधारशिला का काम करते हैं, जिससे उन्हें मॉड्यूल दोबारा बनाने के बजाय मुख्य एआई कार्यक्षमता पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है.”
‘इंडियाएआई फाउंडेशन मॉडल्स’ पहल का उद्देश्य भारतीय डेटासेट और भाषाओं पर प्रशिक्षित India के अपने लार्ज मल्टीमॉडल मॉडल (एलएमएम) विकसित करना है.
इंडियाएआई मिशन को 500 से अधिक प्रस्ताव प्राप्त हुए. पहले चरण में, 4 स्टार्ट-अप का चयन किया गया है. इनमें सर्वम एआई, सोकेट एआई, ज्ञानी एआई और गण एआई शामिल हैं.
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एबीएस/