पटना, 23 जुलाई . बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने Wednesday को मतदाता सूची परीक्षण को लेकर एक बार फिर सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि पहले मतदाता सरकार चुनते थे, अब सरकार मतदाता चुन रही है.
पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि एक प्रतिशत लोगों के भी नाम कटे तो करीब सात से आठ लाख लोगों के नाम काट दिए जाएंगे. उन्होंने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने बयान दिया कि बिहार में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के वोटर्स हैं, जबकि Supreme court में हलफनामा दिया गया कि ऐसी कोई बात उसमें नहीं लिखी गई है. विदेश की चर्चा तक नहीं है.
इस दौरान उन्होंने विधानसभा को लेकर भी चर्चा की. तेजस्वी यादव ने कहा कि जब वे सदन में बोल रहे थे, तब उपChief Minister ने भी कमेंट किए. उन्होंने कहा कि मैं तो अध्यक्ष की अनुमति से बोल रहा था. उपChief Minister का बयान भी अमर्यादित है. सदन में अगर विपक्ष का नेता नहीं बोलेगा, तो कौन बोलेगा? सदन में अगर सवाल नहीं पूछे जाएंगे, तो जवाब कौन देगा?
उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि विधानसभा में सदन के नेता और विरोधी दल के नेता बोल रहे थे, तब उपChief Minister विजय सिन्हा बीच में क्यों बोले? हम लोगों को लगता है कि अगर सभी पार्टियों के नेता एसआईआर पर बोलते हैं, तो इस विषय पर चर्चा होती.
उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष के लोगों की तरफ से हल्की राजनीति की गई. उन्होंने कहा कि ये लोग सदन की गरिमा गिराते हैं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को धन्यवाद भी दिया कि उन्होंने उपChief Minister को फटकार लगाई और साफ कहा कि सदन मैं चलाऊंगा.
तेजस्वी यादव ने Chief Minister नीतीश कुमार पर भी तंज कसते हुए कहा कि वे समझ भी पा रहे थे या नहीं कि सदन में किस विषय को लेकर बात हो रही है. मुझे उनसे सहानुभूति है. वे आज भी अपनी पुरानी बातों को दोहराते रहे. उन्होंने विधायक भाई वीरेंद्र के बयान को सही बताते हुए कहा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है. उन्होंने सही ही तो कहा है कि सदन किसी की बपौती नहीं है.
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एमएनपी/डीएससी