![]()
New Delhi, 23 जुलाई . एसआईआर मुद्दे पर बिहार से दिल्ली तक Political घमासान मचा है. संसद की कार्यवाही Political हंगामे के कारण लगातार बाधित है. सत्तापक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं. इसी क्रम में BJP MP जगदंबिका पाल ने आरोप लगाए कि विपक्ष दिल्ली से बिहार की राजनीति कर रहा है.
समाचार एजेंसी से बातचीत में जगदंबिका पाल ने कहा, “विपक्ष सदन को नहीं चलने दे रहा है. बाहर आकर आरोप लगाते हैं कि सदन में राहुल गांधी को बोलने नहीं दिया जा रहा है.” उन्होंने कहा कि Government हर विषय पर जवाब देने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष दिल्ली से बिहार की राजनीति कर रहा है.
केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने भी विपक्ष के रवैये पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए समय-समय पर ऐसे संशोधन जरूरी हैं. इससे लोकतंत्र मजबूत होगा. पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर सुकांत मजूमदार ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है. यहां एक के बाद एक दंगे हुए हैं.
एसआईआर विवाद पर BJP MP राजीव प्रताप रूडी ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा, “बिहार में 55 लाख मतदाताओं का पता नहीं है. एसआईआर प्रक्रिया पर विपक्ष सवाल उठा रहा है, लेकिन कहीं ऐसा तो नहीं कि इन गुमनाम मतदाताओं पर उनका चुनाव रहा है? क्या गुमनाम मतदाताओं पर चुनाव लड़ना चाहते हैं? इसका जवाब विपक्ष को देना पड़ेगा.”
जेडीयू के सांसद संजय झा ने भी विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया. उन्होंने कहा, “18.66 लाख से अधिक मतदाता ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. बताएं कि आखिर विपक्ष किस बात पर प्रदर्शन कर रहा है? मरे हुए लोगों का बोगस वोट डाला जाए, क्या इसके लिए विपक्ष प्रदर्शन कर रहा है?”
चुनाव आयोग की प्रशंसा करते हुए संजय झा ने कहा, “करीब साढ़े 7 लाख वोटर ऐसे हैं, जिनका दो जगह पर नाम है. चुनाव आयोग बढ़िया काम कर रहा है. कोई बोगस वोट न पड़े, यही काम आयोग कर रहा है.”
हालांकि, विपक्ष एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग और Government को घेर रहा है. Samajwadi Party के सांसद आनंद भदौरिया ने कहा कि हम जब तक विरोध करते रहेंगे, जब तक चुनाव आयोग एसआईआर प्रक्रिया के फैसले को वापस नहीं लेता है.
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “2024 के Lok Sabha चुनाव में जिस मतदाता सूची के आधार पर वोट डाले गए, क्या वह फर्जी मतदाता सूची थी, जो भाजपा चुनाव आयोग के जरिए बिहार में नई कवायद शुरू कर रही है?”
सपा सांसद ने कहा कि लोकतंत्र में सबकी अपनी-अपनी जिम्मेदारियां होती हैं. उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए सभी चुनावों में कहीं न कहीं बड़े पैमाने पर Samajwadi Party के समर्थकों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए. इसलिए सपा इस फैसले को वापस नहीं लेने तक विरोध करेगी.”
–
डीसीएच/