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संयुक्त राष्ट्र, 23 जुलाई . अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में President डोनाल्ड ट्रंप के दावे को दोहराया है कि उन्होंने मई में भारत-Pakistan के बीच विवाद को सुलझाया था, लेकिन India ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि यह मामला द्विपक्षीय रूप से हल किया गया.
कार्यवाहक अमेरिकी प्रतिनिधि डोरोथी शीया ने Tuesday को कहा कि पिछले तीन महीनों में ‘अमेरिकी नेतृत्व’ की भूमिका में जिन तनावपूर्ण संघर्षों को कम किया गया, उनमें India और Pakistan के बीच का तनाव भी शामिल है. यह तनाव पहलगाम में ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ की ओर से आतंकवादी हमले के बाद पैदा हुआ था. इसके साथ ही उन्होंने ट्रंप को उस दावे को दोहराया, जो अमेरिकी President अक्सर करते आए हैं.
डोरोथी ने कहा, “President ट्रंप के नेतृत्व में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने दोनों पक्षों को इन प्रस्तावों तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसकी हम सराहना और समर्थन करते हैं.”
दूसरी ओर, India के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने दृढ़ता से कहा कि यह Pakistan के India से अनुरोध पर ‘सीधे तौर पर संपन्न’ हुआ था.
उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने जब अपने प्राथमिक लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया, तो Pakistan के अनुरोध पर सैन्य गतिविधियों को सीधे तौर पर रोक कर दिया गया.”
India के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक केंद्रित, नपी-तुली और गैर-उत्तेजक कार्रवाई थी.
हरीश ने बताया कि यह अभियान सुरक्षा परिषद के उस बयान से प्रेरित था, जिसमें पहलगाम हमले के अपराधियों, योजनाकारों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जिम्मेदार ठहराने की जरूरत पर जोर दिया गया. इस अभियान के तहत Pakistan और Pakistan अधिकृत जम्मू-कश्मीर में स्थित आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया.
डोरोथी और पी. हरीश, सुरक्षा परिषद में ‘बहुपक्षवाद और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान’ विषय पर खुले विमर्श के दौरान बोल रहे थे, जिसकी अध्यक्षता Pakistan के उप Prime Minister मोहम्मद इसहाक डार ने की.
ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने Pakistan और India के बीच संघर्ष रुकवाया था. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी उनके इस दावे का समर्थन किया है.
डोनाल्ड ट्रंप दावा कर चुके हैं कि भारत-Pakistan के बीच तनाव अगर ऐसे ही चलता रहता, तो एक हफ्ते के भीतर यह परमाणु युद्ध में बदल जाता.
ट्रंप ने दावा करते हुए कहा कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं को यह कहकर संघर्ष रोकने को मजबूर किया कि अगर उन्होंने युद्ध नहीं रोका, तो कोई व्यापार समझौता नहीं होगा.
हालांकि, India के विदेश मंत्रालय के अनुसार, Prime Minister Narendra Modi ने पिछले महीने ट्रंप से फोन पर स्पष्ट रूप से कहा था कि India और अमेरिका के बीच Pakistan के साथ संघर्ष को रोकने के बदले किसी तरह की मध्यस्थता या व्यापार समझौते को लेकर कोई लेन-देन नहीं हुआ है.
इस तरह India ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि Pakistan के साथ उसका रुख पूरी तरह द्विपक्षीय और संप्रभु नीति पर आधारित है, किसी बाहरी दबाव या सौदेबाजी पर नहीं.
मंत्रालय ने कहा, “Prime Minister मोदी ने President ट्रंप को स्पष्ट तौर पर बताया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर कोई चर्चा नहीं हुई, या India और Pakistan के बीच अमेरिका द्वारा मध्यस्थता का कोई प्रस्ताव नहीं आया.”
विदेश मंत्री एस जयशंकर के अनुसार, Pakistan के सैन्य अभियान महानिदेशक मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने सीधे अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन करके सीजफायर का अनुरोध किया था.
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आरएसजी/एएस