जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सियासी हलचल तेज, भाजपा ने विपक्ष को दिया जवाब

New Delhi, 22 जुलाई . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने Tuesday को उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के पीछे ‘और भी गहरी वजहें’ होने के कांग्रेस के आरोप पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और उसे उस समय की याद दिलाई जब विपक्ष की ओर से पक्षपातपूर्ण आचरण का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने का प्रस्ताव लाया गया था.

मानसून सत्र के पहले दिन उपPresident जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से सियासी हलचल मच गई और अटकलों और Political प्रतिक्रियाओं की लहर दौड़ गई.

कांग्रेस ने तुरंत दावा किया कि उनके इस्तीफे में बताए गए स्वास्थ्य संबंधी कारण पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि जो दिख रहा है, उससे कहीं अधिक है.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए BJP MP निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को धनखड़ के इस्तीफे को Political रंग देने से बचना चाहिए और उन्होंने इस पुरानी पार्टी पर सिनेमाई कटाक्ष भी किया तथा इसकी तुलना Bollywood में Actor कादर खान की भूमिका से की.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे को ‘चौंकाने वाला और समझ से परे’ बताया और यह भी कहा कि उपPresident ने Government और विपक्ष दोनों को समान रूप से निशाने पर लिया.

उन्होंने आगे दावा किया कि उनके इस्तीफे के पीछे कहीं अधिक गंभीर कारण हैं, और धनखड़ की प्रशंसा करते हुए कहा, “वह मानदंडों, शिष्टाचार और प्रोटोकॉल के प्रति अडिग थे, और उनका मानना था कि उनके दोनों ही पदों पर रहते हुए इनकी लगातार अवहेलना की जा रही थी.”

हालांकि, जगदीप धनखड़ की प्रशंसा इंडिया ब्लॉक की सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) को रास नहीं आई. एसएस (यूबीटी) की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने तुरंत कांग्रेस नेता के ‘अस्पष्ट’ दावों की तथ्य-जांच की और उन्हें सही ठहराने की कोशिश की.

नाम लिए बिना उन्होंने कांग्रेस नेता के इस दावे पर आपत्ति जताई कि “धनखड़ ने Government और विपक्ष दोनों को समान रूप से आड़े हाथों लिया” और कहा कि विपक्ष को अध्यक्ष के पक्षपातपूर्ण आचरण के कारण ही उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर मजबूर होना पड़ा.

उन्होंने कहा, “कम से कम हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह क्षण हमारे लिए आश्चर्य की बात है.”

जगदीप धनखड़ ने Monday को President द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंप दिया. उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) का हवाला देते हुए स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और चिकित्सा सलाह का पालन करने की आवश्यकता बताई.

मानसून सत्र के पहले ही दिन उनके इस्तीफे से Political हलकों में हलचल मच गई और विपक्ष ने इसे Government को घेरने के अवसर के रूप में देखा.

वीकेयू/केआर