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New Delhi, 21 जुलाई . जेनसोल घोटाले पर इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी लिमिटेड (आईआरईडीए) के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप कुमार दास ने Monday को कहा कि यह प्रमोटर्स की मिसगवर्नेंस का परिणाम है और सेक्टर में कोई समस्या नहीं है.
समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए प्रदीप कुमार दास ने कहा, “जेनसोल एक अलग मामला है. जहां लेंडर साइड और सेक्टर में कोई समस्या नहीं थी, यह केवल कंपनी विशेष मुद्दा था. अब अंतरिम रेसोलुशन प्रोफेशनल (आईआरपी) की नियुक्ति हो चुकी है और वह कंपनी की सभी कारों को कस्टडी में लेकर चलाने का कार्य करेगा. इससे कंपनी का कैश फ्लो फिर से शुरू हो जाएगा.”
उन्होंने आगे कहा, “जेनसोल के मामले में प्रमोटर्स की ओर से मिसगवर्नेंस की गई है. सेक्टर में कोई समस्या नहीं है. इस कारण हम ज्यादा चितिंत नहीं है.”
रिन्यूएबल एनर्जी पर बातचीत करते हुए दास ने कहा कि पिछले 10-11 साल में Government ने एक अच्छा इकोसिस्टम बनाया है, जिसके कारण देश में रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता तेजी से बढ़ रही है. पहली तिमाही 14 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता देश में लगाई गई है. इस तेज वृद्धि के कारण हम कुल ऊर्जी क्षमता का 50 प्रतिशत रिन्यूएबल से जनरेट करने के अपने लक्ष्य को चार-पांच साल पहले ही प्राप्त कर चुके हैं.
Government भी देश में रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रही है. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 50 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी की ट्रेडर जारी करने के लिए प्रतिबद्ध है. पिछले साल करीब 30 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता स्थापित हुई थी, जो दिखाता है कि देश का रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रही है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर देश में रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता इसी तेजी से बढ़ती रहती तो आईआरईडीए को भी इसका फायदा मिलेगा और लोन बुक में इजाफा होगा.
दास ने आगे कहा कि कंपनी ने अब तक 1,63,000 करोड़ रुपए के लोन फाइनेंस किए हैं और कंपनी की लोन बुक में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी निजी कंपनियों की है.
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एबीएस/