इस्तांबुल, 21 जुलाई . ईरान एक बार फिर परमाणु समझौते को लेकर फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम के साथ वार्ता के लिए राजी हो गया है. यह वार्ता 25 जुलाई को इस्तांबुल में होगी.
यूरोप की इन तीन सबसे बड़ी शक्तियों को ‘ई3’ के नाम से जाना जाता है, जो पहले ही ईरान को वार्ता शुरू करने में विफल रहने की स्थिति में उस पर फिर से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दे चुका था.
ईरान की सरकारी मीडिया ने ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बाघेई के हवाले से बताया कि ईरान, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के बीच उप विदेश मंत्री स्तर पर बैठक होगी.
इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका ने जून में ईरान की परमाणु केंद्रों पर हमला किया था, जिसके बाद ‘ई3’ देशों के विदेश मंत्रियों के साथ यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख ने Thursday को ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची के साथ ईरान-इजरायल-अमेरिका जंग के बाद पहली बार बातचीत की.
ईरान ने अमेरिका पर इजरायली हमलों में शामिल होने का आरोप लगाया है. इन हमलों में ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी, परमाणु वैज्ञानिक और नागरिक मारे गए थे. अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी को तबाह करने का दावा भी किया था. ईरान-इजरायल के बीच 24 जुलाई को सीजफायर हुआ.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चेतावनी दे चुके हैं कि अगर ईरान ने अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को फिर से आगे बढ़ाया, तो अमेरिका ज्यादा कुछ सोचे बिना ईरान पर फिर से बमबारी करेगा.
इजरायल-ईरान युद्ध से पहले तेहरान और वाशिंगटन के बीच ओमान की मध्यस्थता में पांच दौर की परमाणु वार्ता हुई थी. इस दौरान ईरान में यूरेनियम एनरिचमेंट जैसे मोर्चे पर असहमति बनी रही.
चीन और रूस के सहित तीन यूरोपीय देश भी ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते में भागीदार हैं.
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आरएसजी/केआर