New Delhi, 20 जुलाई . Lok Sabha में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर लगाए जा रहे आरोपों पर Union Minister गजेंद्र सिंह शेखावत ने तंज कसा है. शेखावत ने कहा कि संविधान की एक प्रति जेब में रखना और संवैधानिक पद पर हमला विरोधाभाषी है.
Union Minister गजेंद्र सिंह शेखावत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि संविधान की एक प्रति जेब में रखना और साथ ही संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करना और उनकी पवित्रता को कम करना बेहद विरोधाभाषी है. मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण चल रहा है. यह पहली बार नहीं है, बल्कि देश में चौथी बार ऐसा हो रहा है, ऐसे में इस तरह की अनुचित टिप्पणी करना उनकी अपनी विश्वसनीयता को ही कम करता है.
संसद के आगामी मानसून सत्र पर शेखावत ने कहा कि मेरा मानना है कि देश के सामने कई महत्वपूर्ण और प्रासंगिक मुद्दे हैं, जिन पर खुली चर्चा और संवाद होना चाहिए. संसद संवाद का प्लेटफार्म है. मुझे पूरी उम्मीद है कि इसका इस्तेमाल रचनात्मक विचार-विमर्श के लिए किया जाएगा, न कि इसे व्यवधान या अराजकता का मंच बनाया जाएगा.
आपातकाल पर शेखावत ने कहा कि जब देश के संविधान की हत्या की गई थी, तत्कालीन Prime Minister इंदिरा गांधी ने अपने पद की चाहत में देश के सभी मूल स्तंभों को ध्वस्त कर आपातकाल लागू किया था. आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों का हनन किया गया था. आंदोलन का नेतृत्व करने वाले जयप्रकाश नारायण की गिरफ्तारी के बाद, प्रभाष जोशी ने सशक्त और विचारोत्तेजक लेख लिखे, जिन्होंने देश को जागृत किया और लोकतंत्र की बहाली के लिए लोगों को एकजुट किया था.
प्रभाष जोशी स्मारक व्याख्यान ‘इमरजेंसी के 50 साल: अनुभव, अध्ययन और सबक’ विषय पर आयोजित किया गया था. इस दौरान मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और विशिष्ट अतिथि Madhya Pradesh के उप Chief Minister राजेंद्र शुक्ल मौजूद रहे.
इस दौरान Union Minister ने कहा कि प्रभाष जोशी जन्म जयंती के मौके पर आज हम उनको याद करते हैं. मुझे छात्र राजनीति के दौरान उनसे दो बार मिलने का मौका मिला. उनके विचारों ने मुझे बहुत प्रभावित किया, जो मेरे जीवन के लिए अमूल्य था. आपातकाल को लेकर जब ‘संविधान हत्या’ का शब्द चुना गया तो पहले इस पर काफी विचार किया गया. यह शब्द बहुत कठोर था, लेकिन बहुत विचार-विमर्श के बाद इसे चुना गया.
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एएसएच/एबीएम