असफल सीएम की छवि से बचने के लिए योग्यता, ईमानदारी और दक्षता से सरकार चलाएं नीतीश : तेजस्वी यादव

पटना, 20 जुलाई . बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने Sunday को प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर Chief Minister नीतीश कुमार पर सियासी हमला बोला है. उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य को धर्म, जाति, ‘डीके टैक्स’ और चाटुकारिता से नहीं, बल्कि योग्यता, ईमानदारी और दक्षता से चलाइए. अगर यह सोच आज नहीं बदली, तो इतिहास आपको भाजपा के निर्देश पर चलने वाले एक असफल शासक के रूप में याद रखेगा.

बिहार के पूर्व उप Chief Minister तेजस्वी यादव ने कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाते हुए सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर लिखा, “20 वर्षों की एनडीए सरकार और Chief Minister के मीडिया प्रबंधन के बल पर बनाई गई सुशासन की छवि का दिखावटी पर्दा अब पूर्णरूपेण उतर चुका है. बिहार के कोने-कोने में घटित आपराधिक घटनाओं और चारों ओर व्याप्त भ्रष्टाचार ने बिहार की सच्चाई आपके समक्ष रख दी है.”

उन्होंने आगे लिखा कि अपराधियों और भ्रष्ट अधिकारियों का गठजोड़ अब बिहार की व्यवस्था का हिस्सा बन चुका है. जाति-धर्म और अघोषित ‘डीके टैक्स अधिनियम’ के अंतर्गत होने वाले ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग ने भ्रष्टाचार का एक स्थायी संस्थागत ढांचा बना दिया है. जो उसमें फिट बैठेगा, वही फ़ील्ड की पोस्टिंग पाएगा. गांव से लेकर सचिवालय तक कोई भी काम बिना घूस के नहीं होता. गरीब पेंशन के लिए दर-दर भटकता है, किसान मुआवजे के लिए चक्कर लगाता है, छात्रवृत्ति पाने के लिए विद्यार्थी गिड़गिड़ाते हैं, लेकिन इस भ्रष्ट एनडीए सरकार के हर दरवाजे पर “प्रीपेड टैक्स” यानी रिश्वत देनी पड़ती है.

उन्होंने आगे लिखा, “एनडीए शासन में अफसरों की पोस्टिंग धर्म, जाति और डीके टैक्स के आधार पर होती है. योग्यता, दक्षता, परिणाम और ईमानदारी जैसे शब्द इस सरकार के प्रशासनिक शब्दकोश से गायब हो चुके हैं.”

प्रदेश में विपक्ष के नेता तेजस्वी ने अपराधियों के हौसले बुलंद होने के आरोप लगाते हुए आगे कहा कि बिहार पुलिस की मारक क्षमता को इस कदर कुंद कर दिया है कि अपराधी बेखौफ होकर घर, अस्पताल, सड़क, कोर्ट और थाने तक में घुसकर निर्मम हत्याएं कर रहे हैं. थाना स्तर पर पोस्टिंग अब केवल वसूली के अधिकार की तरह बांटी जाती है. जिन अफसरों में असली पुलिसिंग की काबिलियत है, उन्हें हाशिए पर डाल दिया गया है क्योंकि वे संविधान सम्मत कार्य करते हैं राजनीतिक बंदी के तौर पर नहीं.

एमएनपी/एएस