देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे की मुलाकात स्वाभाविक : आनंद दुबे

Mumbai , 19 जुलाई . शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने Chief Minister देवेंद्र फडणवीस और पूर्व Chief Minister उद्धव ठाकरे की मुलाकात को राजनीति की स्वाभाविक प्रक्रिया करार दिया. उन्होंने कहा कि दोनों नेता पुराने मित्र हैं और वर्षों तक एकसाथ काम कर चुके हैं.

शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि Chief Minister और पूर्व Chief Minister का मिलना राजनीति की स्वाभाविक प्रक्रिया है. देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे पुराने मित्र हैं, वर्षों साथ काम किया है. राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन वैचारिक मतभेद का मतलब व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती. यही तो Political शुचिता है, जो भाजपा को समझनी चाहिए. देवेंद्र फडणवीस बड़े नेता हैं, उनका ऑफर स्वागत योग्य है, मगर जब तक एकनाथ शिंदे की नकली शिवसेना उनके साथ है, तब तक हम वह प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेंगे. नकली शिवसेना दूर हो तो विचार कर सकते हैं.

आनंद दुबे ने राहुल गांधी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर कटाक्ष को उनकी निजी और Political लड़ाई बताया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हमेशा से आरएसएस पर कटाक्ष करते रहे हैं, यह उनकी निजी और Political लड़ाई है. हमारे लिए आरएसएस एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन है, जो बीजेपी को पर्दे के पीछे से मदद करता है. हमने भी वर्षों उनके साथ काम किया है. बीजेपी आरएसएस को कितनी गंभीरता से लेती है, यह उनसे पूछना चाहिए. मोहन भागवत के बयानों पर बीजेपी अमल करती नहीं और जेपी नड्डा कहते हैं कि आरएसएस की जरूरत नहीं, तब सवाल नहीं उठते. हम तो आरएसएस के सामाजिक योगदान की सराहना करते हैं.

बिहार के Political परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए आनंद दुबे ने भाजपा पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी एक्टिव मोड में आ गई है और चुनाव आयोग भी उनके साथ दिखाई दे रहा है. डबल इंजन Government के बावजूद बीजेपी ने जनता के लिए कुछ नहीं किया, सिर्फ जुमलेबाजी और झूठ बोला. बिहार में माफिया राज, गोलीबारी, असुरक्षा और बेरोजगारी से जनता त्रस्त है. वहां से लगातार पलायन हो रहा है और विकास नाम की कोई चीज नहीं दिखती. ऐसे माहौल में अगर बीजेपी कोई अभियान चला रही है तो उन्हें मुबारक हो, मगर उनकी बुद्धि पर हमें तरस आता है.

आनंद दुबे ने BJP MP निशिकांत दुबे के मराठी मानुष पर आपत्तिजनक बयान की निंदा की. उन्होंने कहा कि निशिकांत दुबे ने मराठी मानुष के योगदान को नकारते हुए आपत्तिजनक बयान दिया, जिसकी प्रतिक्रिया में राज ठाकरे ने भी तीखी टिप्पणी की. राज ठाकरे ने सिर्फ निशिकांत दुबे को जवाब दिया, हिंदी भाषी समाज को नहीं. Mumbai में मराठी व हिंदी भाषी लोग सदैव मिलकर रहते हैं. ऐसे बयानों से कोई फर्क नहीं पड़ता, परंतु दोनों तरफ से बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. राजनीति में शुचिता बनी रहे, जैसे उद्धव ठाकरे सभी जाति-धर्म और भाषाओं का सम्मान करते हैं, वैसे ही भाजपा से भी यही अपेक्षा है.

उन्होंने कहा, “बाला साहेब ठाकरे ने शिवसेना बनाई और उद्धव ठाकरे ने इसे आगे बढ़ाया. फिर भी आयोग ने इसे एकनाथ शिंदे की पार्टी मान लिया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. पार्टी कार्यकर्ताओं से बनती है, न कि सिर्फ विधायकों से. असली शिवसेना आज भी उद्धव ठाकरे के साथ है. कुछ बिकाऊ लोगों के चले जाने से शिवसेना कमजोर नहीं होती. मामला कोर्ट में है और हमें न्याय की उम्मीद है.”

एकेएस/एबीएम