New Delhi, 19 जुलाई . पूर्व राजनयिक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) के खिलाफ अमेरिका की कार्रवाई का स्वागत किया है. तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने उम्मीद जताई कि इस फैसले से Pakistan पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा कि वह अपनी जमीन से संचालित हो रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे.
अमेरिका ने पिछले दिनों ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया. यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी. इस हमले के बाद अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप ने न्याय की मांग करते हुए India को समर्थन देने की बात कही थी.
इस पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से लश्कर के प्रतिनिधि संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट को आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने का स्वागत करता हूं, जिसने पहलगाम की घटना की जिम्मेदारी ली थी. यह Pakistan पर दबाव बढ़ाने वाला कदम है कि वह उसकी गतिविधियों पर रोक लगाए और उसे नियंत्रित करे.”
एक अन्य पोस्ट में शशि थरूर ने वाशिंगटन में हुई अपनी बैठकों की जानकारी साझा की. उन्होंने लिखा, “जब मैंने वाशिंगटन में निजी बातचीत के दौरान यह सीधा सवाल पूछा कि अमेरिका अभी भी Pakistan को आतंकवादी संगठनों को पनाह देने की छूट क्यों दे रहा है, तो मुझे बताया गया कि Pakistan का कुछ हद तक अमेरिका के साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों में कथित सहयोग है. उदाहरण के तौर पर हाल में काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी मरीनों की हत्या के आरोपी व्यक्ति को Pakistan ने अमेरिका को सौंपा है.”
निरंतर वैश्विक कार्रवाई की जरूरत पर जोर देते हुए शशि थरूर ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ Pakistanी कार्रवाई की गुणवत्ता और ईमानदारी पर संदेह उन संगठनों के साथ हमारे अपने अनुभव को दर्शाता है जो हमारे खिलाफ हैं, न कि उन संगठनों के साथ जिन्हें अमेरिका शत्रुतापूर्ण मानता है. यह कदम इस मुद्दे पर अमेरिका और हमारे बीच के धारणाओं के अंतर को पाटने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है. इससे टीआरएफ को संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध कराने के हमारे प्रयासों में भी मदद मिलेगी.”
टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, जो 2008 के Mumbai हमलों के बाद भारतीय नागरिकों पर हुआ सबसे घातक आतंकवादी हमला था. इस घटना के बाद अमेरिकी President ट्रंप ने Prime Minister Narendra Modi को व्यक्तिगत रूप से फोन करके संवेदना व्यक्त की थी और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने में अमेरिका का अटूट समर्थन व्यक्त किया था.
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने Thursday को औपचारिक रूप से टीआरएफ को नामित विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादियों (एसडीजीटी) की सूची में शामिल करने की घोषणा की. रुबियो ने कहा, “यह कार्रवाई हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद से लड़ने और पहलगाम हमले के लिए न्याय की मांग पर President ट्रंप की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.”
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रुबियो के साथ हालिया बैठकों और वाशिंगटन में क्वाड बैठक में इस मुद्दे को उठाया था. उन्होंने टीआरएफ जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ समन्वित वैश्विक कार्रवाई के India के आह्वान पर जोर दिया था.
इस बीच, शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले महीने वाशिंगटन का दौरा किया, जिसने अमेरिकी सांसदों और अधिकारियों को टीआरएफ की भूमिका और आतंकी ढांचे को Pakistanी समर्थन के बारे में जानकारी दी.
टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया जाना भारत-अमेरिका के बीच आतंकवाद विरोधी सामूहिक प्रयास का हिस्सा है. ये आतंकवाद के प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है.
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डीसीएच/