जोधपुर, 19 जुलाई . राजस्थान के कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल राज्य में लगातार हो रही बारिश से खुश हैं. राजस्थान में इस बार मानसून ने समय से पहले दस्तक दी है. जलस्रोतों में बहाव लौट आया है, नदियां-नाले उफान पर हैं और किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई है. इसी क्रम में कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने अच्छी बरसात पर अपनी खुशी जाहिर की है.
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने बारिश को ‘गिरिराज महाराज की कृपा’ बताया. उन्होंने कहा कि Chief Minister भजनलाल शर्मा की प्रार्थना को गिरिराज महाराज ने स्वीकार किया है, जिसकी बदौलत इस बार प्रदेश में मानसून जल्दी और जोरदार आया है.
जोधपुर प्रवास के दौरान मीडिया से बात करते हुए कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, “इस बार इंद्रदेव राजस्थान पर मेहरबान हैं. जब राज्य में पानी की समस्या रही, तब गिरिराज महाराज से प्रार्थना की थी. Chief Minister भजनलाल शर्मा की गुहार को गिरिराज महाराज ने सुना. गिरिराज महाराज की कृपा हुई और इस बार मानसून 9-10 दिन पहले आया. लगभग पूरे राजस्थान में यह बारिश देखने को मिली है. पहले के मुकाबले इस बार जुलाई में 170 प्रतिशत से अधिक बारिश दर्ज हुई है.”
इस दौरान मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रदेश की जनता से भी खास अपील की. उन्होंने कहा, “पूरे प्रदेश में नदी-नाले उफान पर हैं. मैंने लूणी और पाली विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया. लोगों से आग्रह है कि वे इन उफनती नदियों और नालों के पास न जाएं और पूरी सावधानी बरतें. हाल ही में अरना झरना क्षेत्र में एक जनहानि भी हो चुकी है. सभी लोग सावधानी बरतें. पशुओं की भी सावधानी रखें.”
राज्य में कुछ जगह जलभराव की समस्याओं पर मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब दिया. उन्होंने बताया कि जलभराव की समस्याओं के समाधान के लिए नगर निगम और जोधपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) लगातार प्रयास कर रहे हैं. जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और अन्य राहत एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी आपात स्थिति से निपटा जा सके.
मंत्री पटेल ने जोधपुर के दो प्रमुख नालों (बनाड़ नाला और भैरव नाला) के निर्माण कार्यों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “इन नालों का निर्माण पूरा होने के बाद जलभराव की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी.”
उन्होंने बताया कि उन्होंने बनाड़ क्षेत्र का दौरा किया, जहां जलभराव की स्थिति सामान्य थी और थोड़ी ही देर में पानी निकल गया. फिर भी प्रशासन का प्रयास है कि स्थायी समाधान किया जाए.
इसके अलावा, उन्होंने एम्स जोधपुर में आयोजित एक विशेष वर्कशॉप का जिक्र किया जिसमें यह बताया गया कि मरीजों के अटेंडेंट्स से किस तरह व्यवहार किया जाए.
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डीसीएच/