रांची, 18 जुलाई . झारखंड में हर दिन औसतन 69 साइबर अपराध की शिकायत दर्ज हो रही हैं और रोज करीब सात साइबर अपराधी गिरफ्तार किए जा रहे हैं. झारखंड पुलिस मुख्यालय में Friday को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईजी अभियान माइकल राज की ओर से साझा किए गए आंकड़े से यह तथ्य सामने आया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनवरी से लेकर जून 2025 तक के आंकड़े साझा किए गए. बताया गया कि जनवरी से जून 2025 तक डायल-1930 साइबर हेल्पलाइन पर कुल 11,910 शिकायतें दर्ज हुईं, यानी औसतन रोज 66 शिकायतें सामने आईं. इसी अवधि में राज्य के अलग-अलग थानों में 620 साइबर अपराध के मामले दर्ज हुए, यानी रोजाना औसतन तीन से अधिक मामले दर्ज हुए.
इन मामलों की जांच में पुलिस ने 767 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया. वहीं, प्रतिबिंब ऐप के जरिये दर्ज 83 मामलों में 474 साइबर अपराधियों को पकड़ा गया. इस तरह, छह महीनों में कुल 1241 साइबर अपराधी गिरफ्तार हुए, यानी औसतन हर दिन सात अपराधियों को पुलिस ने दबोचा.
आईजी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान 5.43 लाख रुपये नकद, 1664 सिम कार्ड, 1283 मोबाइल फोन, 135 एटीएम कार्ड, 20 दोपहिया वाहन, 8 चारपहिया वाहन, 19 लैपटॉप, 37 बैंक पासबुक, 24 बैंक चेक बुक, 3 स्वाइप मशीन और 1 राउटर जब्त किया गया.
डायल-1930 पर दर्ज शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 15.90 करोड़ रुपये की राशि फ्रीज कराई और अदालत के माध्यम से 83.84 लाख रुपये पीड़ितों के खाते में वापस कराए.
बताया गया कि नवंबर 2023 में लॉन्च किए गए ‘प्रतिबिंब’ मोबाइल ऐप ने साइबर अपराध पर लगाम कसने में अहम भूमिका निभाई है. यह ऐप न सिर्फ ठगी में इस्तेमाल मोबाइल नंबर की पहचान कर लेता है, बल्कि उनकी रियल टाइम लोकेशन भी देता है, जिससे पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में मदद मिल रही है.
आईजी माइकल राज ने बताया कि साइबर ठग अब नई तकनीक का इस्तेमाल कर आम लोगों को शिकार बना रहे हैं. पुलिस भी तकनीकी क्षमता बढ़ा रही है ताकि साइबर अपराध पर सख्त कार्रवाई जारी रह सके. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और किसी भी अनजान कॉल पर अपनी जानकारी साझा न करें. किसी भी साइबर ठगी की घटना होते ही डायल-1930 पर कॉल कर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं.
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एसएनसी/एएस