वाराणसी, 18 जुलाई . बाबा विश्वनाथ की नगरी में हर मंदिर भक्तों के लिए आध्यात्मिक शांति और भक्ति का केंद्र है. ऐसा ही एक चमत्कारी मंदिर है विश्वेश्वरगंज में कालभैरव मंदिर के निकट स्थित महामृत्युंजय मंदिर, जहां भगवान शिव का यह स्वरूप भक्तों को मृत्यु के भय से मुक्ति देता है. मान्यता है कि यहां के दर्शन मात्र से मन की हर कामना पूरी होती है और मंदिर का अमृत तुल्य जल कई रोगों को दूर करता है.
महामृत्युंजय मंदिर का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व शास्त्रों में भी वर्णित है. भगवान शिव का यह स्वरूप अकाल मृत्यु से रक्षा करने वाला माना जाता है.
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार, मंदिर में मौजूद जल कई भूमिगत धाराओं का मिश्रण है, जो औषधीय गुणों से युक्त है. धार्मिक मान्यता है कि इस जल को पीने से कई शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है. इसे ‘अमृत जल’ कहा जाता है, जो न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को शांति भी करता है.
सावन के साथ ही Monday , Sunday, प्रदोष, महाशिवरात्रि और शिवरात्रि के साथ ही सामान्य दिनों में भी भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. श्रद्धालु मंदिर में हाजिरी लगाने के साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करते हैं.
मान्यता है कि बाबा मृत्युंजय के दर्शन मात्र से मन की हर कामना पूरी होती है. नियमित रूप से यहां पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों का कहना है कि उनके जीवन से कष्ट दूर हो जाते हैं और बाबा की कृपा बरसती है.
मंदिर के परिसर में धनवंतरी कूप है, जिसका उल्लेख शिव पुराण में मिलता है. जिसके अनुसार कूप में भगवान धनवंतरी ने कई जड़ी-बूटियां डाली थीं. इसलिए कहा जाता है कि इसका जल पीने से तमाम तरह के घाव और रोग ठीक हो जाते हैं.
शिवपुराण के अनुसार, महादेव ने ‘महामृत्युंजय मंत्र’ की रचना की थी और इसका रहस्य माता पार्वती को ही बताया था. महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने से रोगों से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि मृत्युंजय महादेव के दर्शन करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है.
बाबा के मंदिर में प्रतिदिन हाजिरी लगाने वाले श्रद्धालु हेमंत तिवारी ने बताया, “यहां आने से मन को सुकून मिलता है. ऐसा लगता है जैसे बाबा हर मुश्किल को आसान कर देते हैं. मान्यता है कि यहां का जल कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं की भी छुट्टी करता है. सावन में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है. इस दौरान भक्त बेलपत्र, दूध और जल चढ़ाकर बाबा मृत्युंजय का आशीर्वाद लेते हैं. मंदिर का वातावरण भक्ति और श्रद्धा से सराबोर रहता है. सावन के हर Monday को यहां विशेष पूजा और अभिषेक का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से लोग शामिल होने के लिए आते हैं.
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एमटी/केआर