Patna, 18 जुलाई . बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के ‘वोट चोरी’ वाले बयान का राजद सांसद मनोज झा ने समर्थन किया है. झा ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया है.
राजद सांसद का दावा है कि एसआईआर प्रक्रिया के जरिए मतदाता सूची से खासकर दलित, पिछड़ा, अति-पिछड़ा, और अल्पसंख्यक समुदायों के मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, जिससे उनकी मतदान की भागीदारी प्रभावित हो सकती है.
से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आयोग जो 11 दस्तावेज मांग रहा है, वो दे पाना सभी के लिए संभव नहीं है. बिहार से बाहर रहने वाले लोगों को कहा जा रहा है कि 25 दिन के भीतर दस्तावेज दाखिल कराएं. 25 दिन में क्या संभव है? राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने तो आयोग पर वोट चोरी करने की छोटी सी संज्ञा दी है. इसे तो दिनदहाड़े डकैती कहना चाहिए.
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष होना चाहिए, लेकिन किसी के इशारे पर आयोग ने अपनी कार्यशैली को पूरी तरह से तब्दील कर लिया है.
पीएम मोदी के बिहार दौरे पर राजद सांसद ने कहा कि चुनाव है तो पीएम बिहार आएंगे, इसमें नई बात नहीं है. क्या कहूं, मुझे उनसे कोई उम्मीद नहीं है. चुनावी साल में पीएम का बिहार आना स्वाभाविक है, लेकिन जनता चाहती है कि वह राज्य में बढ़ते अपराधों पर भी बोलें. Patna के एक अस्पताल में खुलेआम गोलीबारी की घटना हुई, जहां पांच लोग बिना चेहरा ढके गोलीबारी कर फरार हो गए. राजद सांसद ने ऐसी घटनाओं को रोजमर्रा की समस्या बताया और इसके लिए जिम्मेदारी तय करने की मांग की.
उन्होंने यह भी तंज कसा कि भाजपा गैर-भाजपा शासित राज्यों में अपराध होने पर तुरंत जांच कमेटी भेजती है, लेकिन बिहार के लिए दिल्ली से अब तक कोई कमेटी नहीं आई. उन्होंने सुझाव दिया कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को बिहार की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और यहां भी कमेटी गठित करनी चाहिए.
बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर है. हालांकि, सत्ता पक्ष का दावा है कि अपराधियों के खिलाफ सरकार किसी भी तरह से कोई समझौता नहीं कर रही है.
–
डीकेएम/केआर