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Bengaluru, 17 जुलाई . आईपीएल 2025 का खिताब जीतने वाली आरसीबी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. खिताबी जीत के बाद आरसीबी की तरफ से जश्न मनाया गया था. इस दौरान 11 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 50 लोग घायल हुए थे. मामले में कर्नाटक Government ने आरसीबी मैनेजमेंट और कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ आपराधिक मामला दायर करने की मंजूरी दे दी है.
कर्नाटक Government ने हादसे के बाद इसकी विस्तृत रिपोर्ट के लिए जस्टिस माइकल डी कुन्हा आयोग का गठन किया था और जांच के लिए एक महीने का समय दिया था. आयोग ने अपनी रिपोर्ट 11 जुलाई को Chief Minister सिद्धारमैया को सौंपी.
रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए), रॉयल चैलेंजर्स Bengaluru (आरसीबी), कार्यक्रम आयोजक डीएनए एंटरटेनमेंट और Bengaluru Police 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं.
कर्नाटक Government ने डी कुन्हा आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और आरसीबी मैनेजमेंट और कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन पर आपराधिक मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है. साथ ही Police अधिकारियों के निलंबन का समर्थन किया है.
रिपोर्ट में आरसीबी और कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन पर कई तरह की अनियमितताओं और गड़बड़ियों का आरोप लगा है. रिपोर्ट के मुताबिक, डीएनए ने 2009 के नगर आदेश के अनुसार औपचारिक अनुमति लिए बिना ही Police को 3 जून को विजय परेड के बारे में सूचित किया. परिणामस्वरूप, Police ने अनुमति देने से इनकार कर दिया. अनुमति नहीं होने के बावजूद आरसीबी ने सार्वजनिक रूप से इस कार्यक्रम का प्रचार जारी रखा.
4 जून को, उन्होंने social media पर खुले निमंत्रण साझा किए, जिसमें विराट कोहली द्वारा प्रशंसकों से मुफ्त प्रवेश समारोह में शामिल होने का आग्रह करने वाली एक वीडियो अपील भी शामिल थी.
कार्यक्रम में 3 लाख से ज्यादा लोगों की भारी भीड़ उमड़ी, जो उम्मीदों और भीड़ प्रबंधन क्षमताओं से कहीं ज्यादा थी. कार्यक्रम वाले दिन दोपहर 3:14 बजे, आयोजकों ने अचानक घोषणा की कि स्टेडियम में प्रवेश के लिए पास की आवश्यकता होगी, जो पहले के संदेशों का खंडन करता है और भ्रम, दहशत का कारण बना.
आरसीबी, डीएनए और केएससीए प्रभावी ढंग से समन्वय करने में विफल रहे. प्रवेश द्वारों पर कुप्रबंधन और देरी से खुलने के कारण भगदड़ मच गई, जिससे सात Policeकर्मी घायल हो गए.
भगदड़ के बाद Government ने मजिस्ट्रेट और न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था, Police अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई थी, Chief Minister के Political सचिव का निलंबन हुआ था, राज्य खुफिया प्रमुख का स्थानांतरण और पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की गई थी.
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पीएके/एबीएम