New Delhi, 17 जुलाई . केंद्र सरकार आगामी संसद सत्र में ‘खेल प्रशासन विधेयक’ लाने की तैयारी कर रही है. केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने Thursday को इस विधेयक के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग हितधारकों के साथ चर्चा की. कई चर्चाओं के बाद हमने ‘खेल प्रशासन विधेयक’ तैयार किया है. आगामी संसद सत्र में हम इस विधेयक को पेश करेंगे.
मनसुख मांडविया ने कहा, “मैंने ‘खेल प्रशासन विधेयक’ बनाने के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत की. अलग-अलग फेडरेशन, कोच और एथलीट्स के साथ मुलाकात की थी. 600 से अधिक लोगों के सुझाव हमें मिले. सभी बातों को लेकर एक अध्ययन किया गया. देश में खेल से जुड़े वकील भी हैं, जिनके साथ मैंने 3 घंटे बात की थी और उनके सुझाव लिए.”
उन्होंने बताया, “ओलंपिक काउंसिल के साथ भी बिल पर चर्चा की गई. अंतरराष्ट्रीय फाउंडेशन के साथ भी बातचीत की गई. फीफा की तरफ से एक क्वेरी आई थी, तो हमने एक स्पेशल ऑफिसर को फीफा के हेडक्वार्टर भेजा. इन सब के बाद ‘खेल प्रशासन विधेयक’ तैयार हुआ है. आगामी सत्र में इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा.”
केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने Thursday को दिल्ली में आयोजित ‘खेलो इंडिया कॉन्क्लेव’ में हिस्सा लिया. मनसुख मांडविया ने केंद्रीय राज्य मंत्री रक्षा खडसे के साथ एक कार्यक्रम का उद्घाटन किया. खेल मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि खेल एक जन आंदोलन है. अगर सभी हितधारक जैसे जनता, महासंघ, State government और केंद्र सरकार एक साथ आएं तो हम इस सपने को साकार कर सकते हैं.
मनसुख मांडविया ने उद्घाटन भाषण में कहा कि आप सभी को एक दिन के लिए यहां बुलाया गया है ताकि सभी एथलीटों, महासंघों और कॉर्पोरेट्स से उनके विचार जान सकें. हम इसे परिणाम में बदलना चाहते हैं. भारत यह कर सकता है, दुनिया इस पर विश्वास करती है और हमने अतीत में भी ऐसा किया है. ‘खेलो भारत नीति’ देश में खेल हितधारकों के बीच ‘सुशासन’ स्थापित करने का एक कार्यक्रम है.
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डीसीएच/