New Delhi, 17 जुलाई . देश की अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन के कारण भारत शेयर बाजार में आने वाले समय में तेजी देखने को मिल सकती है और निफ्टी इस साल के अंत तक 26,300 से 27,500 की रेंज में रह सकता है. यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई.
इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म स्मॉलकेस मैनेजर्स की रिपोर्ट में बताया गया कि मार्च के न्यूनतम स्तर से निफ्टी में तेजी देखने को मिल रही है और इसमें रुकावट का स्तर 26,300 है और अगर मुख्य एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) इंडेक्स में ब्रेकआउट आता है तो यह 27,500 पर पहुंच सकता है.
रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 की दूसरी छमाही में जिन प्रमुख कारकों पर ध्यान देना होगा. उनमें अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर स्पष्टता और वैश्विक व्यापार प्रवाह पर उनका प्रभाव, हिंद-प्रशांत और मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव का समाधान और यूके-भारत एफटीए जैसे प्रमुख द्विपक्षीय सौदों पर प्रगति शामिल हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि निवेशक अमेरिका में महंगाई को भी काफी निकटता से देख रहे हैं.
गोलफाई के स्मॉलकेस मैनेजर और संस्थापक रॉबिन आर्य ने कहा, “आने वाले वर्ष में हमें कुछ प्रमुख घटनाक्रमों पर नजर रखनी होगी जो बाजारों को प्रभावित कर सकते हैं.”
हालांकि, अमेरिकी मुद्रास्फीति अभी काफी सौम्य लग रही है, लेकिन टैरिफ नीतियों से अमेरिका में वस्तुओं की आपूर्ति और महंगाई पर इसका प्रभाव अनिश्चित होने के कारण आउटलुक अस्थिर बना हुआ है.
रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिकी फेड ब्याज दरों में कमी शुरू कर सकता है, जिससे बाजारों को लाभ होगा और एफआईआई प्रवाह मजबूत होगा, बशर्ते व्यापार समझौते जल्दी हो जाएं और अमेरिका को वस्तुओं की आपूर्ति अंतिम उपभोक्ता के लिए प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बनी रहे.
रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई एमपीसी द्वारा आगे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी एक घरेलू घटनाक्रम है जिससे आर्थिक विकास और घरेलू खपत में वृद्धि होगी, जिससे बाजारों को लाभ होगा.
ओमनीसाइंस कैपिटल के स्मॉलकेस मैनेजर और सीईओ विकास गुप्ता ने कहा, “ब्याज में कटौती का दौर शुरू हो गया है, और अगर मानसून अनुकूल रहा और मुद्रास्फीति नियंत्रण में रही, तो आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में और कटौती की जा सकती है, जिससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा.”
गुप्ता ने आगे कहा कि अगर आय वृद्धि अनुकूल रही, तो 2025 के अंत तक बाजार काफी तेजी से बढ़ सकते हैं.
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एबीएस/