आवारा कुत्तों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्‍वागतयोग्‍य : विजय गोयल

New Delhi, 17 जुलाई . पूर्व Union Minister विजय गोयल ने Supreme court की उस हालिया टिप्पणी का स्वागत किया है, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आवारा कुत्तों को सड़कों, कॉलोनियों या सार्वजनिक स्थलों पर खाना खिलाना अनुचित है और जिन्हें प्रेम है, वे उन्हें अपने घर या निजी स्थान पर ही खिलाएं.

गोयल ने से बातचीत के दौरान कहा कि यह टिप्पणी जनता की लंबे समय से चली आ रही पीड़ा को संबोधित करती है. मैं वर्षों से इस मुद्दे को उठा रहा हूं, कई बार प्रदर्शन किए, धरने दिए और अधिकारियों को पत्र भी लिखे. यह टिप्पणी सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी थी.

उन्होंने कहा कि केंद्र Government को एनीमल बर्थ कंटोल (एबीसी) रूल्‍स में जरूरी संशोधन करना चाहिए, क्योंकि मौजूदा नियम डॉग लवर को बिना रोकटोक कॉलोनियों में किसी भी घर के सामने खाना खिलाने का अधिकार देता है, जिससे रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्‍ल्‍यूए) और निवासियों को भारी परेशानी हो रही है. दिल्‍ली में ही हर रोज कुत्ते काटने के दो हजार केस आते हैं. आरएमएल अस्‍पताल में मरीजों की लाइनें लगी हैं, लोगों को इंजेक्‍शन तक मुहैया नहीं कराए गए हैं. Government इस पर विचार करे कि आवारा कुत्तों से कैसे निपटा जाए. आवारा कुत्तों की वजह से पर्यटन पर बहुत फर्क पड़ रहा है. पर्यटक इस देश में आने से डरते हैं. यह सिर्फ दिल्‍ली ही नहीं, देश के अन्‍य राज्‍यों की समस्‍या है.

गोयल ने कहा कि आज हालात ये हैं कि कॉलोनी के पार्कों में लोग टहलना बंद कर चुके हैं. बच्चों ने खेलना छोड़ दिया है. आरडब्‍ल्‍यूए और लोगों के बीच झगड़े हो रहे हैं. गोयल ने यह भी मांग की कि राज्य Governmentें और नगर निकाय (जैसे एमसीडी) इस टिप्पणी का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें.

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि इससे पहले भी Supreme court और हाईकोर्ट के निर्देश आ चुके हैं, लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा है, जिससे आम नागरिकों का जीवन संकट में है. अंत में उन्होंने यह मांग दोहराई कि आवारा कुत्तों के काटने पर Government मुआवजा दे. यह एक सामाजिक न्याय का मुद्दा है और इससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं.

एएसएच/डीकेपी