जालंधर, 16 जुलाई . पंजाब पुलिस ने 114 वर्षीय मशहूर मैराथन धावक फौजा सिंह के हिट-एंड-रन मामले को महज 30 घंटे में सुलझा लिया है. पुलिस ने फौजा सिंह की मौत के मामले में एनआरआई अमृतपाल सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार किया है. साथ ही पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई फॉर्च्यूनर गाड़ी भी बरामद की है.
जानकारी के अनुसार, पंजाब पुलिस ने Tuesday देर रात इस मामले में 30 वर्षीय एनआरआई अमृतपाल सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार किया और उसकी फॉर्च्यूनर गाड़ी को भी बरामद किया है, जिसकी टक्कर से फौजा सिंह की मौत हो गई थी.
पुलिस के अनुसार, फौजा सिंह को टक्कर मारने वाले आरोपी अमृतपाल सिंह ढिल्लों की गिरफ्तारी करतारपुर से हुई है. आरोपी करतारपुर के दासूपुर का निवासी है.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी अमृतपाल ने जुर्म कबूल किया है. उसने बताया कि हादसे के वक्त वह अकेला था और भोगपुर से किशनगढ़ की ओर जा रहा था.
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल पर मिले हेडलाइट के टुकड़ों की मदद से आरोपी तक पहुंचा गया. पूछताछ में अमृतपाल ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. इस मामले में अदमपुर पुलिस स्टेशन में धारा 281 और 105 के तहत First Information Report दर्ज की गई है.
मशहूर एथलीट फौजा सिंह का Monday को 114 साल की उम्र में सड़क हादसे में निधन हो गया था. जालंधर-पठानकोट नेशनल हाईवे पर टहलने के दौरान सफेद रंग की अज्ञात कार ने उन्हें टक्कर मार दी थी. हादसे के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
फौजा सिंह के निधन पर Prime Minister मोदी ने भी दुख जताया था. Prime Minister ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “फौजा सिंह एक असाधारण व्यक्ति थे. उन्होंने अपने खास व्यक्तित्व और फिटनेस जैसे महत्वपूर्ण विषय को लेकर भारत के युवाओं को प्रेरित किया. वे अद्भुत दृढ़ संकल्प वाले एक उत्कृष्ट एथलीट थे. उनके निधन से बहुत दुख हुआ. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दुनियाभर में मौजूद उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं.”
बता दें कि फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल 1911 को पंजाब के जालंधर स्थित ब्यास पिंड में हुआ था. चार भाई-बहनों में सबसे छोटे फौजा बचपन में शारीरिक रूप से कमजोर थे और पांच साल की उम्र तक चल नहीं पाते थे, लेकिन उन्होंने असाधारण इच्छाशक्ति से इस कमी को अपनी ताकत बनाया. बचपन से ही दौड़ने का शौक रखने वाले फौजा पर 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन ने गहरा प्रभाव डाला.
उन्होंने 100 वर्ष की आयु में साल 2011 में टोरंटो मैराथन को 8 घंटे, 11 मिनट और 6 सेकंड में पूरा कर विश्व रिकॉर्ड बनाया. वह दुनिया के पहले 100 वर्षीय मैराथन धावक बने, जिसने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई.
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एफएम/