20 दिन बाद अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटे कैप्टन शुभांशु शुक्ला, पीएम मोदी ने जताई खुशी

New Delhi, 15 जुलाई . शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्री 20 दिन बाद स्पेस से पृथ्वी पर लौट आए हैं. 23 घंटे के सफर बाद ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ने कैलिफोर्निया के समुद्र पर लैंड किया. चारों एस्ट्रोनॉट एक दिन पहले शाम आईएसएस से पृथ्वी के लिए रवाना हुए थे. Prime Minister Narendra Modi ने कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सकुशल वापसी पर हर्ष जताया है. उन्होंने अंतरिक्ष से धरती पर लौटने की इस यात्रा को मील का पत्थर करार दिया है.

Prime Minister Narendra Modi ने एक्स प्लेटफॉर्म के जरिए कहा, “मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट आए हैं. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है. यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है.”

वहीं, स्पेसएक्स ने social media प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ड्रैगन के सुरक्षित उतरने की पुष्टि हो गई है . एस्ट्रोपैगी, शक्स, एस्ट्रो_स्लावोज़ और टिबी, पृथ्वी पर आपका स्वागत है!”

शुभांशु शुक्ला, अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू 26 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की ओर रवाना हुए थे. वह राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बने हैं. राकेश शर्मा ने यह यात्रा 1984 में की थी.

जब अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वातावरण में लौट रहा था, तो 18 मिनट का डी-ऑर्बिट बर्न हुआ, जो प्रशांत महासागर के ऊपर हुआ. इस दौरान यान ने पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलने की प्रक्रिया शुरू की.

अंतरिक्ष यान के वायुमंडल में प्रवेश करते समय, करीब सात मिनट तक यान से संपर्क टूट गया था . इसे ब्लैकआउट पीरियड कहा जाता है. यह आमतौर पर उस समय होता है, जब यान तेज गति और गर्मी के कारण सिग्नल नहीं पकड़ पाता.

वापसी की प्रक्रिया में यान के ट्रंक (पिछला हिस्सा) को अलग किया गया और हीट शील्ड को सही दिशा में लगाया गया, ताकि यान को वायुमंडल में प्रवेश करते समय सुरक्षा मिल सके. उस समय यान को करीब 1,600 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी का सामना करना पड़ा. अंतरिक्ष यान की सफल लैंडिंग के दौरान पैराशूट दो चरणों में खोले गए.

स्पेसएक्स ने बताया कि अप्रैल में एफआरसीएम-2 मिशन के जरिए ड्रैगन यान को पहली बार पश्चिमी तट (कैलिफोर्निया) पर उतारा गया था. यह दूसरा मौका था, जब ड्रैगन यान ने इंसानों को लेकर कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग की. इससे पहले, स्पेसएक्स के ज्यादातर स्प्लैशडाउन (समुद्र में उतरने) अटलांटिक महासागर में होते थे.

आईएसएस पर अपने दो सप्ताह से अधिक के प्रवास के दौरान, शुभांशु शुक्ला ने कुल 310 से ज़्यादा बार पृथ्वी की परिक्रमा की और लगभग 1.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की. यह दूरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से 33 गुना अधिक है, जो अपने आप में एक शानदार उपलब्धि है.

अंतरिक्ष मिशन के दौरान चालक दल ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से 300 से ज्यादा सूर्योदय और सूर्यास्त देखे — जो पृथ्वी की तेज परिक्रमा की वजह से संभव हुआ.

इसी बीच, इसरो ने Monday को बताया कि शुभांशु शुक्ला ने अपने मिशन के दौरान सभी सात सूक्ष्म-गुरुत्व प्रयोग और अन्य नियोजित वैज्ञानिक गतिविधियाँ सफलतापूर्वक पूरी कर ली हैं. इसरो ने इसे “मिशन की एक बड़ी उपलब्धि” बताया है.

–आईएएएनस

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