चंडीगढ़, 15 जुलाई . पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान Tuesday को धार्मिक ग्रंथों के अपमान से जुड़ा बेअदबी विरोधी विधेयक 2025 सदन में पेश किया गया. इस विधेयक को लेकर पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि सभी विपक्षी दल इस बिल को पास कराने के लिए सकारात्मक भूमिका निभाएंगे.
पंजाब सरकार में मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने से बात करते हुए कहा, “आज सदन में बहस के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है. हम विधेयक पर चर्चा करेंगे और मुझे पूरी उम्मीद है कि सभी विपक्षी दल सकारात्मक भूमिका निभाएंगे, ताकि यह विधेयक पारित हो सके. यह बिल तीन करोड़ पंजाबियों के लिए बहुत बड़ी उम्मीद है. बहुत लंबे अरसे से ये बिल लटका हुआ था. कभी कांग्रेस ने तो कभी भाजपा ने बेअदबी विरोधी विधेयक से जुड़ा गलत बिल बनाया था, क्योंकि वे बेअदबी करने वाले लोगों को बचाना चाहते थे. इसलिए हम इस बिल को लेकर आए हैं. मुझे उम्मीद है कि ये बिल सदन से पास हो जाएगा.”
हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि इस बिल में 10 साल और अधिक से अधिक उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा, इसमें 5 से 10 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. साथ ही जो बेअदबी करने का प्रयास करेगा, उसे 3 से 5 साल तक की सजा मिलेगी और उनके लिए तीन लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है.
पंजाब के मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद ने कहा, “मैं Chief Minister भगवंत मान का धन्यवाद करना चाहता हूं, जिनकी दृढ़ सोच और संकल्प के कारण आज विधानसभा में यह विधेयक पेश किया गया है. इस विधेयक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी हमारे धार्मिक ग्रंथों के प्रति कोई अनादर या दुर्व्यवहार न कर सके. चाहे वह ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब’ हो, ‘भगवद गीता’ हो या ‘बाइबिल’ या फिर ‘कुरान’ हो, उनकी मर्यादा और इज्जत को कायम रखने के लिए इस बिल को सदन में पेश किया गया है.”
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