New Delhi, 14 जुलाई . केंद्र Government ने Monday को Supreme court में कहा कि यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए Government ज्यादा कुछ नहीं कर सकती.
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच के सामने कहा कि इस मामले में Government ज्यादा कुछ करने की स्थिति में नहीं है. जितनी कोशिश की जा सकती थी, Government ने उतनी की. यमन दुनिया के दूसरे देशों जैसा नहीं है. ब्लड मनी पूरी तरह से निजी समझौता है.
अटॉर्नी जनरल ने आगे कहा, “एक दायरे के तहत India Government जहां तक जा सकती है, हम वहां तक गए हैं. यमन दुनिया के किसी भी दूसरे हिस्से जैसा नहीं है. हम सार्वजनिक रूप से बात करके स्थिति को और जटिल नहीं बनाना चाहते. हम निजी स्तर पर कोशिश कर रहे हैं. कुछ शेख और वहां के प्रभावशाली लोगों के जरिए ये सब किया जा रहा है.”
अटॉर्नी जनरल (एजी) ने कहा कि केंद्र Government स्थिति को जटिल नहीं करना चाहती और निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि Government ने यमनी अधिकारियों से फांसी की सजा को टालने का अनुरोध किया था, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला.
एजी वेंकटरमणी ने कहा, “हमें अनौपचारिक रूप से सूचना मिली थी कि फांसी को कुछ समय के लिए रोका जा सकता है, लेकिन यह काम करेगा या नहीं, यह पक्का नहीं है.”
जस्टिस नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ‘सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें विदेश मंत्रालय से निमिषा की फांसी रोकने के लिए कूटनीतिक प्रयास करने की मांग की गई थी.
याचिका में कहा गया कि शरिया कानून के तहत ‘दिया’ (खून का पैसा) देकर मौत की सजा को टाला जा सकता है.
भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहद की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है. वे पिछले तीन साल से जेल में है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यमनी President राशद अल-अलीमी के आदेश के बाद उनकी फांसी Wednesday को हो सकती है.
Supreme court ने विदेशी देश में फांसी रोकने का आदेश देने में असमर्थता जताते हुए मामले में अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई तय की है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र से उस तारीख को नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
इस बीच, केरल के Chief Minister पिनराई विजयन ने Prime Minister Narendra Modi से अपील की है कि वे निमिषा प्रिया की जान बचाने के लिए संबंधित अधिकारियों के जरिए हस्तक्षेप करें.
निमिषा की मां, प्रेमा कुमारी (57) अपनी बेटी की सजा माफ कराने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं. उन्होंने पीड़ित परिवार को खून का पैसा देने के लिए सना की यात्रा भी की है. उनके प्रयासों को यमन में रहने वाले एनआरआई सामाजिक कार्यकर्ताओं के समूह ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ का समर्थन प्राप्त है.
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एफएम/केआर