जब पहली बार मशीन से बर्फ जमाने का हुआ था प्रदर्शन

New Delhi, 13 जुलाई . फ्रिज में तो आपने कई बार बर्फ जमाया होगा. लेकिन, क्या आपको पता है कि पहली बार मशीन का इस्तेमाल कर बर्फ कब जमाया गया था. इसका जवाब इतिहास के पन्नों में दर्ज है.

माना जाता है कि 14 जुलाई 1850 को पहली बार मशीन के माध्यम से बर्फ जमाने का पहला प्रदर्शन किया गया था. जॉन गोरी एक चिकित्सक थे, जिन्होंने पहली बार मशीन के माध्यम से बर्फ जमाई. हालांकि, इसके पीछे की वजह काफी रोचक है.

जॉन गोरी एक चिकित्सक थे, जो फ्लोरिडा के गर्म और उमस भरे मौसम में मलेरिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए रोगियों को ठंडा रखने के तरीकों की खोज कर रहे थे. उस समय प्राकृतिक बर्फ को दूर-दराज के क्षेत्रों, जैसे उत्तरी अमेरिका के झीलों से काटकर जहाजों के माध्यम से लाया जाता था, जो महंगा और समय लेने वाला था.

गोरी ने इस समस्या को हल करने के लिए एक ऐसी मशीन विकसित करने का प्रयास किया, जो कृत्रिम रूप से बर्फ बना सके. उन्होंने एक संपीड़न-आधारित रेफ्रिजरेशन मशीन बनाई, जो हवा को संपीड़ित और विस्तारित करके ठंडक पैदा करती थी. यह आधुनिक रेफ्रिजरेशन तकनीक का प्रारंभिक रूप था.

उन्होंने 14 जुलाई 1850 को मशीन का उपयोग करके पहली बार सार्वजनिक रूप से कृत्रिम बर्फ का प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन संभवतः एक सामाजिक या वैज्ञानिक सभा में किया गया, जहां उन्होंने दिखाया कि उनकी मशीन गर्म मौसम में भी बर्फ बना सकती है.

गोरी के इस प्रदर्शन ने लोगों को हैरान कर दिया. लोग सोचने पर मजबूर हो गए कि क्या ऐसा हो सकता है, क्योंकि उस समय बर्फ को केवल प्राकृतिक रूप से ठंडे क्षेत्रों से प्राप्त किया जाता था.

गोरी ने जो करके दिखाया था, उससे इस बात का संकेत मिला कि मशीन के माध्यम से कहीं भी बर्फ जमाई जा सकती है.

इतिहासकारों के मुताबिक, गोरी की इस खोज को रेफ्रिजरेशन उद्योग की नींव के तौर पर मील का पत्थर माना गया. जिसका उपयोग बाद में खाद्य संरक्षण, चिकित्सा, और अन्य क्षेत्रों में हुआ.

उन्हें 1851 में अपनी मशीन के लिए पेटेंट प्राप्त हुआ. जो कृत्रिम बर्फ बनाने की प्रक्रिया का पहला पेटेंट था. लेकिन, उन्हें व्यावसायिक सफलता नहीं मिली. इसके पीछे कारण यह था कि इसे बड़े पैमाने पर लागू करना काफी खर्चीला साबित होता, दूसरी ओर लोगों के पास प्राकृतिक बर्फ का व्यापार अभी भी एक विकल्प के तौर पर था. उस दौर में यह काफी प्रचलित था.

इतिहासकारों के अनुसार, उनके विचारों ने अन्य आविष्कारकों और इंजीनियरों को इस दिशा में काफी प्रेरित किया. जिससे आधुनिक रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग तकनीक विकसित हुई.

डीकेएम/एबीएम