मध्य प्रदेश: जबलपुर से 101 कांवड़ियों ने बैजनाथ धाम के लिए किया प्रस्थान, 36 वर्षों से बना हुआ है आस्था का क्रम

जबलपुर, 13 जुलाई . सावन के शुरू होने के साथ ही कांवड़ियों में अलग सा उत्साह देखने को मिल रहा है. इसी क्रम में जबलपुर कांवर संघ द्वारा प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी बाबा बैजनाथ धाम कांवर यात्रा का आयोजन किया गया. आयोजित की जाने वाली बाबा बैजनाथ धाम कांवर यात्रा का इस वर्ष भी श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ आयोजन हो रहा है.

इस साल बैजनाथ धाम कांवर यात्रा जगद्‌गुरु स्वामी राघव देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य एवं आशीर्वाद में रवाना हुई. वहीं, संघ के अध्यक्ष एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल के नेतृत्व में यह भव्य यात्रा महानगरी एक्सप्रेस, जबलपुर स्टेशन से बाबा बैजनाथ धाम (देवघर) के लिए निकली. कांवड़ यात्रा में शामिल भक्तों के बीच श्रद्धा, भक्ति और उत्साह देखने को मिला. इस वर्ष यात्रा में जबलपुर से लगभग 101 कांवड़िए शामिल हुए हैं, जो बिहार के सुल्तानगंज से पवित्र गंगा जल लेकर, लगभग 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए देवघर पहुंचेंगे और भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे. यह यात्रा लगातार 36वें वर्ष आयोजित की जा रही है, जो श्रद्धालुओं की आस्था, सेवा भावना और बाबा बैजनाथ के प्रति अटूट श्रद्धा का प्रतीक है.

जगद्‌गुरु स्वामी राघव देवाचार्य ने से बात करते हुए कांवड़ यात्रा पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, “संस्कार दानी संस्कारों के लिए पहचानी जाती है. हमारे नगर निगम एमआई के पार्षद कमलेश अग्रवाल का समाज को जोड़ने और धर्म से बांधने का काम विशेष रहता है. सभी के प्रति आत्मीय भाव रखते हैं. वो लगातार 36 सालों से कांवड़ यात्रा करते हैं. कई किलोमीटर की यात्रा पैदल करते हैं. उनकी यात्रा में भक्तों को बहुत खुशी मिलती है और इस यात्रा में प्रत्येक वर्ष 100 से 150 लोग शामिल होते हैं. सभी भगवान के घर देवघर जाते हैं. मैं सभी भक्तों को आशीर्वाद देता हूं कि वो अच्छे से बाबा का दर्शन करें, यात्रा सुखद हो और वापस आएं.”

आयोजक कमलेश अग्रवाल ने बताया, “प्रत्येक वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी हम सभी कांवड़ियां बैद्यनाथ धाम के लिए प्रस्थान किए हैं. यह हमारी 36वें वर्ष की यात्रा है. सुल्तानगंज से जल भर हम लगभग 122 किलोमीटर पैदल चलते हैं. बाबा बैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग हैं, वहां पर हमारी जो भी मनोकामना होती है वो पूरी होती है. सभी कांवड़ियों में बहुत उत्साह है और आने वाले समय में हमारी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.”

एससीएच/डीएससी