नासा में भारत का परचम लहराएगा करनाल का दिव्यांश, अमेरिका के लिए भरेगा उड़ान

करनाल, 12 जुलाई . भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को अपना आइडल मानने वाला करनाल का दिव्यांश नासा के लिए उड़ान भरने वाला है. दिव्यांश का चयन अमेरिका के प्रतिष्ठित यूनाइटेड स्पेस स्कूल के लिए हुआ, जहां वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करेगा.

अमेरिका के फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल स्पेस एजुकेशन की ओर से हर साल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें चयनित होने वाले छात्रों को नासा वैज्ञानिकों, अंतरिक्ष यात्रियों और इंजीनियरों के मार्गदर्शन में अंतरिक्ष मिशन की शिक्षा दी जाती है.

इस साल कार्यक्रम में 25 देशों के 44 विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया है, जो मिलकर मंगल ग्रह पर मानव मिशन की रूपरेखा तैयार करेंगे. कार्यक्रम के लिए भारत से हजारों छात्रों ने आवेदन किया, लेकिन सिर्फ दो छात्रों का चयन हुआ, जिसमें से एक दिव्यांश कौशिक हैं.

अमेरिका जाने से पहले दिव्यांश कौशिक के लिए करनाल के स्कूल में सम्मान समारोह रखा गया. इसमें करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता मौजूद रहीं.

दिव्यांश का सपना एरोनॉटिकल इंजीनियर बनने का है और इस चयन ने उनके सपनों को नई ऊंचाइयां दी हैं. दिव्यांश ने कहा, “मैं बहुत उत्साहित हूं. यूनाइटेड स्पेस स्कूल में आने वाले छात्रों से बात हुई है. हम सब एक-दूसरे से मिलने के लिए उत्साहित हैं.”

दिव्यांश ने जानकारी दी कि यूनाइटेड स्पेस स्कूल में स्पेस एजुकेशन के बारे में पढ़ाई के साथ ट्रेनिंग होगी. कुछ अध्ययन भी कराए जाएंगे. शुभांशु शुक्ला को लेकर दिव्यांश ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री के साथ उनका (शुभांशु शुक्ला) इंटरव्यू देखा. वे मेरे आइडल बन चुके हैं. मुझे उनसे बहुत प्रेरणा मिलती है.”

दिव्यांश की मां अंजू ने कहा, “मेरा यही कहना है कि वहां जाकर यह अपना सर्वश्रेष्ठ काम करे. वह 15 दिन के लिए जा रहा है, जिस दौरान उसे बहुत कुछ सीखना है.” उन्होंने आगे कहा, “मैं यही चाहती हूं कि वो अपना बेस्ट करे और भारत का नाम रोशन करके आए.”

करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता ने दिव्यांश को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा, “दिव्यांश ने बहुत मेहनत की है, जिससे उसे नासा में जाने का मौका मिला है. मैंने उसका विजन समझा है, जिस तरह वो एक अंतरिक्ष यात्री बनना चाहता है. उसके लिए 15 दिन ऐतिहासिक होने वाले हैं.”

डीसीएच/एबीएम