भारत दौरे पर आए श्रीलंकाई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का अध्ययन दौरा सम्पन्न, सुरक्षा सहयोग को मिला नया आयाम

New Delhi, 12 जुलाई . भारत और श्रीलंका के बीच सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, श्रीलंका के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल पांच दिवसीय अध्ययन दौरे के बाद स्वदेश लौट गया.

इस प्रतिनिधिमंडल में उप महानिरीक्षक (डीआईजी) और उससे ऊपर के पदों पर तैनात कुल 20 अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने 7 से 11 जुलाई के बीच भारत की विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और संस्थानों का दौरा किया.

यह दौरा गुजरात के गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) द्वारा आयोजित किया गया था और भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पूर्ण रूप से वित्तपोषित था. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय और आंतरिक सुरक्षा शिक्षा पर केंद्रित रहा, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग, संवाद और कौशल वृद्धि को बढ़ावा देना था.

आरआरयू की डीन अकादमिक डॉ. जसबीर कौर थधानी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग निदेशक रवीश शाह के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन दौरे का समन्वय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) बिमल एन. पटेल के मार्गदर्शन में हुआ.

प्रतिनिधिमंडल ने अपने दौरे के दौरान सीबीआई, एनएसजी, एनडीआरएफ और 14सी जैसे भारत के प्रमुख सुरक्षा एवं जांच संस्थानों का दौरा किया. इन दौरों के दौरान उन्हें भारत में सुरक्षा संचालन, जांच प्रक्रिया और आपदा प्रबंधन तंत्र की जानकारी दी गई.

एक अहम पड़ाव रहा सीबीआई मुख्यालय का दौरा, जहां श्रीलंकाई अधिकारियों ने श्रीलंकाई पुलिस प्रमुख के साथ विचार-विमर्श किया और सीबीआई की जांच प्रक्रियाओं, ढांचे और तकनीकी संसाधनों के बारे में गहन जानकारी प्राप्त की.

इस अध्ययन यात्रा का एक महत्वपूर्ण पहलू भारत-श्रीलंका के बीच सीमा पार अपराधों, खासकर अपराधियों के पलायन से संबंधित चुनौतियों पर चर्चा रहा. दोनों देशों की एजेंसियों ने सूचना साझाकरण और संयुक्त जांच प्रक्रिया को मजबूत करने पर सहमति जताई.

सीबीआई और श्रीलंकाई पुलिस के बीच सीमा पार अपराधियों की जानकारी साझा करने के लिए एक औपचारिक समझौता भी इस यात्रा का प्रमुख परिणाम रहा. इससे दोनों देशों की जांच एजेंसियों के बीच एक संरचित सहयोग प्रणाली विकसित होगी, जिससे आपसी जांचों की दक्षता और गति में सुधार होगा.

सीबीआई अधिकारियों ने श्रीलंकाई प्रतिनिधियों को भारत की कानूनी प्रक्रिया, जांच प्रोटोकॉल और संगठनात्मक संरचना के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

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