पटना, 12 जुलाई . कांग्रेस नेता अलका लांबा ने बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर State government की कड़ी आलोचना की. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है. आम जनता का जीना दूभर हो चुका है.
Chief Minister नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जैसे सीएम का स्वास्थ्य खराब चल रहा है, वैसे ही राज्य की कानून-व्यवस्था भी बिगड़ रही है. उन्होंने पटना में एक और व्यापारी की हत्या का जिक्र करते हुए सरकार से जवाब मांगा और कहा कि प्रदेश में अपराधियों के बीच कानून व्यवस्था को लेकर बिल्कुल भी डर नहीं है.
उन्होंने केंद्र और राज्य की भाजपा-जेडीयू की ‘डबल इंजन’ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में डबल मर्डर और बिहार में लगातार हत्याओं से आम लोग, व्यापारी, नेता और बेटियां असुरक्षित हैं.
उन्होंने बिहार को “खौफ और डर” के साए में बताया और कहा कि मौजूदा सरकार को सुरक्षित और खुशहाल बिहार के लिए जल्द ही हट जाना चाहिए.
उन्होंने बिहार में इंडिया ब्लॉक के बिहार बंद का जिक्र किया, जिसका नेतृत्व राहुल गांधी ने किया. यह बंद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट पुनरीक्षण कराए जाने के विरोध में था. कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि पहले आयोग कागजात मांगता था. लेकिन, अब कहता है कि कागजात की जरूरत नहीं. कोर्ट ने आयोग को आधार, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र मानने का आदेश दिया है. लेकिन, आयोग जवाब देने से बच रहा है.
उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को दबाव मुक्त करने के लिए संघर्ष कर रहा है. पटना में हुए इस बंद का व्यापक असर देखा गया. Supreme court इस मामले की निगरानी कर रहा है.
अलका लांबा ने कहा कि चुनाव आयोग को सत्ता के दबाव से नहीं, बल्कि लोकतंत्र के नियमों से चलना होगा. बिहार बंद के जरिए गठबंधन ने भाजपा पर दबाव बनाया और जनता के बीच अपनी बात रखी.
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एसएचके/एएस