दिग्गज कांग्रेस नेता ददई दुबे के अंतिम दर्शन करने पहुंचे झारखंड के मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जताया गहरा शोक

रांची, 11 जुलाई . पूर्व सांसद, विधायक और बिहार-Jharkhand की Governmentों में मंत्री रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे के निधन पर Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, Jharkhand के Governor संतोष कुमार गंगवार, Chief Minister हेमंत सोरेन, Jharkhand Government के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर सहित कई नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है.

स्व. दुबे का पार्थिव शरीर Friday को दिल्ली से रांची पहुंचने के बाद Jharkhand प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय लाया गया, जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं-कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद उन्हें बूटी मोड़ स्थित आवास पर ले जाया गया, जहां बड़ी संख्या में आम और खास लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए.

Chief Minister हेमंत सोरेन ने उनके आवास पहुंचकर पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय रहते हुए ददई दुबे लोगों के हक-अधिकार के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे. उनका निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है.

Chief Minister ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “स्व. चंद्रशेखर दुबे (ददई दुबे) हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगे. मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवारजनों को दुःख की यह घड़ी सहन करने की शक्ति दें.”

राहुल गांधी ने कहा है कि पूर्व सांसद, Jharkhand Government में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता चंद्रशेखर दुबे के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है. उन्होंने social media पर लिखा, “ ददई दुबे के नाम से लोकप्रिय, चंद्रशेखर जी मजदूर संगठन इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. एक संवेदनशील नेता के रूप में उन्होंने वंचितों और कमजोरों के हक की आवाज हमेशा बुलंद की. उन्हें नमन करते हुए इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार और समर्थकों को अपनी हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं.”

Jharkhand Government के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भी ददई दुबे के आवास पर पहुंचकर उनके अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि ‘ददई दुबे’ के नाम से लोकप्रिय चंद्रशेखर दुबे ने मजदूर संगठन इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मजदूरों, वंचितों और समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों की लड़ाई पूरे दमखम से लड़ी थी. वह एक जुझारू, संवेदनशील और कर्मठ नेता थे, जिन्होंने हमेशा जन सरोकारों को प्राथमिकता दी.

ददई दुबे (82) पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और उनका इलाज दिल्ली के एक अस्पताल में चल रहा था, जहां उन्होंने Thursday रात अंतिम सांस ली थी. वर्ष 1970 में पलामू जिले के विश्रामपुर प्रखंड में ग्राम पंचायत के मुखिया के तौर पर Political करियर की शुरुआत करने वाले दुबे विश्रामपुर विधानसभा सीट से चार बार विधायक और धनबाद Lok Sabha सीट से एक बार सांसद रह चुके थे. वह साल 2000 में बिहार में राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली Government में मंत्री रहे थे. इसके बाद वर्ष 2013 में Jharkhand में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली Government में भी उन्होंने मंत्री पद के दायित्व का निर्वाह किया था. वह ट्रेड यूनियन संगठन इंटक के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे थे और एक धाकड़ मजदूर नेता के रूप में उनकी पहचान रही थी.

पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि Saturday सुबह उनका पार्थिव शरीर विश्रामपुर स्थित पैतृक गांव ले जाया जाएगा. यहां आम लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद उनका अंतिम संस्कार वाराणसी में किया जाएगा.

एसएनसी/एकेजे