तिरुवनंतपुरम, 11 जुलाई . केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह Friday को दो दिवसीय दौरे पर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम पहुंचेंगे. इस दौरान वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नव-निर्मित राज्य मुख्यालय का उद्घाटन करेंगे.
शाह Friday रात विशेष विमान से तिरुवनंतपुरम पहुंचेंगे. Saturday को वे औपचारिक रूप से भाजपा के नए राज्य कार्यालय का उद्घाटन करेंगे और इसके बाद शहर के बीचों-बीच एक प्रमुख स्थान पर आयोजित कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. इस अवसर पर उपस्थित लोगों के लिए सामुदायिक भोजन का आयोजन भी किया जाएगा.
सार्वजनिक सभा के बाद अमित शाह कन्नूर रवाना होंगे, जहां वे शाम 4 बजे के आसपास प्रसिद्ध थलिपाराम्बा राजराजेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद वे संभवतः उसी दिन दिल्ली लौट जाएंगे.
शाह का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब राज्य में निकाय चुनाव करीब हैं. भाजपा ने इस कार्यक्रम में राज्य के दक्षिणी जिलों से 40,000 से अधिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति की उम्मीद जताई है.
भाजपा राज्य के निकाय चुनावों में खास तौर पर तिरुवनंतपुरम नगर निगम में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है, जहां वह फिलहाल मुख्य विपक्षी दल है. वर्तमान में वहां माकपा नेतृत्व वाला वाम मोर्चा सत्ता में है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) तीसरे स्थान पर है.
गौरतलब है कि भाजपा को केरल में अब तक चुनावी सफलता खास नहीं मिली है. 2016 में पार्टी ने पहली बार एक विधानसभा सीट जीती थी, लेकिन 2021 में वह सीट भी हार गई. हालांकि, 2024 के Lok Sabha चुनाव में भाजपा ने बड़ा उलटफेर करते हुए अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी को त्रिशूर सीट से विजयी बनाया, जहां कांग्रेस तीसरे स्थान पर खिसक गई.
भाजपा 2025 के निकाय चुनावों को राज्य में अपने वोट शेयर और सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण अवसर मान रही है.
2020 के स्थानीय निकाय चुनावों में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) को 40.18 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि यूडीएफ को 37.92 प्रतिशत और भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 15.02 प्रतिशत वोट मिले थे.
केरल में कुल 23,612 वार्ड हैं, जो ग्राम पंचायतों, ब्लॉक पंचायतों, जिला पंचायतों, नगरपालिकाओं और नगर निगमों में विभाजित हैं.
2020 में 941 ग्राम पंचायतों में से एलडीएफ ने 514, यूडीएफ ने 321, एनडीए ने 19 और अन्य ने 23 पंचायतें जीती थीं. 152 ब्लॉक पंचायतों में एलडीएफ को 108 और यूडीएफ को 38 पर जीत मिली थी.
14 जिला पंचायतों में एलडीएफ ने 11 और यूडीएफ ने 3 जीती थीं. 87 नगरपालिकाओं में एलडीएफ ने 43, यूडीएफ ने 41 और एनडीए ने 2 पर कब्जा किया था. वहीं 6 नगर निगमों में एलडीएफ के पास 5 और यूडीएफ के पास 1 निगम है.
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डीएससी/