रोहित पवार को आशंका, ‘महाराष्ट्र में विशेष जन सुरक्षा विधेयक’ का हो सकता है गलत इस्तेमाल

Mumbai , 11 जुलाई . राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता रोहित पवार ने महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक के पारित होने पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि सरकार यह दावा कर रही है कि इससे नक्सलवाद पर लगाम लगेगी. जिसका हम समर्थन करते हैं. हम चाहते हैं कि नक्सलवाद का खात्मा हो, इसलिए हमने कल इस बिल का समर्थन किया था. लेकिन, इस विधेयक में कुछ खामियां थीं, जिन्हें लेकर हमने सरकार से जवाब मांगा था. लेकिन, हमें अभी तक इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है.

समाचार एजेंसी से बातचीत में उन्होंने बताया कि विधानसभा में उन्होंने इसकी खामियों को उजागर किया और स्पष्टता की मांग की और कहा कि विधेयक में ‘समूह’ और ‘व्यक्ति’ की परिभाषा अस्पष्ट है, जिसका भविष्य में गलत इस्तेमाल हो सकता है. अगर कोई और सरकार सत्ता में आए, तो वह इस कानून का दुरुपयोग कर सकती है.

उनकी पार्टी विधेयक की कमियों पर विस्तार से चर्चा करेगी, जब यह विधान परिषद में आएगा. ऐसे कानूनों का विरोध करें, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का प्रयास करते हैं. एनसीपी (एसपी) इस मुद्दे पर जनता के बीच जाकर अपनी बात रखने को प्रतिबद्ध है.

महाराष्ट्र विधानसभा ने 10 जुलाई को महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक, जिसे जन सुरक्षा कानून के नाम से जाना जाता है, को ध्वनिमत से पारित कर दिया. Chief Minister देवेंद्र फडणवीस की तरफ से पेश इस विधेयक का उद्देश्य उग्रवाद, विशेषकर शहरी नक्सलवाद को नियंत्रित करना है. सरकार का दावा है कि यह कानून देश विरोधी गतिविधियों में शामिल संगठनों पर कार्रवाई के लिए जरूरी है. विधेयक में गैर-जमानती अपराधों की श्रेणी और संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने का प्रावधान शामिल है.

विधेयक का विरोध करते हुए एनसीपी (एसपी) नेता ने कहा,” पूर्व में परमवीर सिंह मामले में एनसीपी नेता अनिल देशमुख के खिलाफ गलत कार्रवाई की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. यह राजनीतिक बदले के तहत की गई कार्रवाई थी.”

शिंदे गुट के दो नेता श्रीकांत शिंदे और संजय शिरसाट को आयकर विभाग की तरफ से नोटिस मिलने पर उन्होंने कहा कि बीजेपी जानबूझकर उप-Chief Minister एकनाथ शिंदे पर दबाव बना रही है, ताकि आगामी नगरपालिका और महानगरपालिका चुनावों में उनके साथ बेहतर समझौता हो सके. बीजेपी के कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. लेकिन, आयकर विभाग या अन्य एजेंसियां केवल शिंदे को ही निशाना क्यों बना रही हैं. बीजेपी और उपChief Minister अजित पवार पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही, जिससे कई तरह के सवाल उठते हैं.

एसएचके/केआर