पुणे, 11 जुलाई . महाराष्ट्र में पुणे के कोंढवा इलाके में कत्लखाना बंद हो गया है. इस पर हिंदुत्ववादी कार्यकर्ता और गौ रक्षक मिलिंद एकबोटे ने Thursday को कहा कि यह शहर का बहुत पुराना सपना था, जो पूरा हो गया.
मिलिंद एकबोटे ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, “पुणे शहर की तमन्ना पूरी हो गई. पुणे कत्लखाना मुक्त होना चाहिए. ऐसी भावना लोगों की बहुत पहले से थी जो अब पूरी हो चुकी है. संविधान में लिखा है कि जो चीजें मनुष्य के लिए उपयुक्त हैं, उनकी रक्षा होनी चाहिए. लेकिन संविधान का अपमान करते हुए यहां बहुत सारे गैरकानूनी काम चल रहे थे.”
उन्होंने कहा कि गौरक्षकों ने अथक मेहनत और संघर्ष के बाद प्रशासन को इस कत्लखाने को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
एकबोटे ने महानगरपालिका प्रशासन और भ्रष्ट सरकारी तंत्र पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों को जनता के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है. पुणे शहर में अब भी 25 से 30 गैरकानूनी कत्लखाने चल रहे हैं, जहां कहीं गाय, तो कहीं भैंस की हत्या की जा रही है.
उन्होंने महाराष्ट्र के Chief Minister देवेंद्र फडणवीस से निवेदन किया कि एक ऐसी पॉलिसी बननी चाहिए कि अगर किसी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में कत्लखाना चलता है, तो उस अधिकारी पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
एकबोटे ने कहा कि जितना कसाई गलत है, उतना ही गोरक्षक पर झूठे केस लगाने वाला पुलिसकर्मी भी गलत हैं. पुलिस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि ‘विटामिन एम’ (पैसा) पर नहीं, ‘विटामिन एन’ (राष्ट्रवाद) पर ध्यान दो.”
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पीएके/एकेजे